Samajwadi Party Candidate List: लोकसभा चुनाव 2024 की तैयारियों के बीच समाजवादी पार्टी ने मंगलवार को पीडीए समर्थित अपने प्रत्याशियों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। सपा की पहली लिस्ट में 16 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया गया है। पार्टी की पहली लिस्ट में पीडीए यानि पिछड़ा, दलित और अल्पसंख्यक के अलावा परिवारवाद की झलक साफ दिख रही है। प्रत्याशियों के अधिकतर नाम जहां पिछड़े बिरादरी से हैं, वहीं अखिलेश यादव के पत्नी डिंपल समेत तीन नाम परिवार से हैं। पार्टी ने डिंपल यादव को मैनपुरी से चुनावी मैदान में उतारा है। वहीं संभल से शफीकुर्रहमान बर्क को सपा प्रत्याशी बनाया गया है। रविदास मेहरोत्रा को सपा ने राजधानी लखनऊ से मैदान में उतारा है। सपा कुनबे से डिंपल यादव, धर्मेंद्र यादव और अक्षय यादव को प्रत्याशी बनाया गया।

जिताऊ नेताओं को मिला टिकट

समाजवादी पार्टी की पहली लिस्ट में शामिल नामों को जिताऊ प्रत्याशी के तौर पर देखा जा रहा है। इसमें बस्ती से राम प्रसाद चौधरी समेत कुछ नाम ऐसे भी हैं, जो चाहे जिस दल में रहें, इनका जातीय समीकरण इतना मजबूत है कि ये अपनी सीट जीतने में सफल रहते हैं। सपा ने शफीकुर्रहमान बर्क को संभल से, अक्षय यादव को फिरोजाबाद से, डिम्पल यादव को मैनपुरी से, देवेश शाक्य को एटा से, धर्मेंद्र यादव को बदायूं से, उत्कर्ष वर्मा को खीरी से, आनन्द भदौरिया को धौरहरा से, अनु टंडन को उन्नाव से, रविदास मेहरोत्रा को लखनऊ से, डॉ. नवल किशोर शाक्य को फर्रुखाबाद से, राजाराम पाल को अकबरपुर से, शिवशंकर सिंह पटेल को बांदा से, अवधेश प्रसाद को फैजाबाद से, लालजी वर्मा को अम्बेडकर नगर से, रामप्रसाद चौधरी को बस्ती से और काजल निषाद को गोरखपुर से प्रत्याशी घोषित किया है।

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पिछले चुनाव नतीजे बदलने की तैयारी

बता दें कि वर्ष 2014 से जातीय समीकरण टूटने की वजह से प्रदेश की दूसरे नंबर की समाजवादी पार्टी को काफी नुकसान उठाना पड़ रहा है। मगर समय के हिसाब से पार्टी फीकी होती मोदी लहर का फायदा इसबार उठाने की भरसक कोशिश कर रही है। वर्ष 2019 के चुनावी नतीजों पर गौर करें तो उत्तर प्रदेश में बीजेपी ने लोकसभा चुनाव में बंपर सीटें जीती थीं। भारतीय जनता पार्टी पिछले लोकसभा चुनाव में 80 लोकसभा सीटों में से 62 सीटों पर जीत दर्ज की थी। वहीं समाजवादी पार्टी को महज पांच सीटों पर संतोष करना पड़ा। जबकि बसपा 10 सीटों पर जीत दर्ज हासिल करने में सफल रही थी। दो सीटें अपना दल मिली थी, जबकि कांग्रेस को एक सीट पर संतोष करना पड़ा था।

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