मुंबई। भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) के गवर्नर शक्तिदांस दास ने कोरोना वायरस संक्रमण की दूसरी लहर के दृष्टिगत ग्राहकों को बड़ी राहत दी है। RBI ने बैंकों और अन्य विनियमित वित्तीय संस्थाओं से कहा कि KYC अपडेट नहीं कराने वाले ग्राहकों के खिलाफ दिसंबर तक कोई कार्रवाई न की जाये। RBI ने प्रोप्राइटरशिप फर्मों, अधिकृत हस्ताक्षरकर्ताओं और कानूनी संस्थाओं के हितकारी मालिकों जैसी ग्राहकों की नई श्रेणियों के लिए वीडियो केवाईसी (अपने ग्राहक को जानें) या वी-सीआईपी (वीडियो-आधारित ग्राहक पहचान प्रक्रिया) का दायरा बढ़ाने का भी फैसला किया है। शक्तिकांत दास ने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग को बढ़ावा देने के लिए यह कदम उठाया गया है।
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KYC न होने के चलते नहीं होगी परेशानी
रिजर्व बैंक के गवर्नर ने ऐलान किया है कि KYC नहीं हो पाने की स्थिति में कोई भी बैंक किसी ग्राहक का खाता 31 दिसंबर तक फ्रीज नहीं कर सकेंगे। गवर्नर ने कहा कि कोरोना के दृष्टिगत कई लोगों के इलाज के लिए पैसों की जरूरत होती है, लेकिन उनका खाता सिर्फ इसलिए फ्रीज कर दिया गया क्योंकि उनका KYC नहीं हुआ था जिसके चलते वो खाते से पैसा नहीं निकाल सकते थे। KYC अपडेट होने में 4-5 दिन या उससे ज्यादा का वक्त भी लग जाता है जिसके चलते ग्राहकों को परेशानी का सामना करना पड़ता था लेकिन अब रिजर्व बैंक के इस नए आदेश के बाद उनका खाता 31 दिसंबर 2021 तक फ्रीज नहीं किया जा सकता है। ऐसे ग्राहक अपना KYC डिजिटल चैनल के माध्यम से अपडेट कर सकते हैं। आधार कार्ड के आधार पर खोले गये ऐसे बैंक खाते जिनमें ग्राहक और बैंक कर्मचारी आमने-सामने नहीं थे उन्हें अभी तक सीमित KYC खातों की श्रेणी में रखा गया था। अब ऐसे सभी खाते पूर्ण KYC की श्रेणी में आयेंगे। KYC के लिए इलेक्ट्रॉनिक दस्तावेज के साथ-साथ डिजिलाॅकर से जारी पहचान के दस्तावेजों को भी वैध पहचान पत्र माना जाएगा।
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