नई दिल्ली। एक साथ कई निशाना साधने में माहिर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आज कोरोना वैक्सीन लगवाकर जहां कई सवालों पर विराम लगा दिया है, वहीं साथ उन्होंने कई सियासी समीकरण भी साधा दिए हैं। आज कोरोना वैक्सीनेशन का दूसरा चरण शुरू होने से पहले सुबह सुबह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी एम्स अस्पताल पहुंचकर कोरोना का टीका लगवाया। इस दौरान प्रधानमंत्री असम के लोकप्रिय गमछे के साथ नजर आए और भारत बायोटेक कंपनी की बनी वैक्सीन लगवाई।

मजे की बात यह ही कि उन्हें टीका लगाने वाली दोनों नर्स भी केरल और पुडुचेरी की थीं। जबकि भारत बायोटेक कंपनी के फाउंडर कृष्णा इल्ला तमिलनाडु के रहने वाले हैं। इतना ही नहीं बढ़ी हुई दाढ़ी की वजह से पीएम की तुलना इन दिनों गुरु रवींद्रनाथ टैगोर से की जा रही है। इस तरह से देखा जाए तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक टीका लगवाकर देश के 5 चुनावी राज्यों को भी बड़ा संदेश दे दिया है। वहीं सोशल मीडिया पर अब इसको लेकर कई तरह की चर्चाएं शुरू हो गई हैं।

गौरतलब है कि इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को ‘मन की बात’ कार्यक्रम में भी तमिलाडु का जिक्र करते हुए कहा था कि उन्हें काफी कष्ट है कि वह अपनी जिंदगी में तमिल भाषा नहीं सीख सके। उन्होंने कहा था कि दुनिया की सबसे पुरानी भाषाओं में से तमिल एक है। जिंदगी में इस भाषा को न सीख पाने का उन्हें मलाल है। हालांकि कोरोना वैक्सीन लगवाने के बाद प्रधानमंत्री ने टीका लगाने वाली नर्सों से बात भी की और उन्होंने कहा कि वैक्सीन लग गई और मुझे पता भी नहीं चला। नर्सों से पीएम मोदी की बातचीत को लेकर एम्स के डायरेक्टर डॉ. रणदीप गुलेरिया ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी चाहते हैं कि नर्सिंग ऑफिसर्स सहज रहें। इसलिए वह नर्सों से बात कर रहे थे। उन्होंने नर्सों से उनकी भाषा में बात करते हुए पूछा कि आप कहां की रहने वाली है।

इसे भी पढ़ें: गुलाम नबी ने पीएम मोदी की तारीफ पढ़े कसीदे, कहा- अपनी असलियत नहीं छिपाई

Spread the news