Om Prakash Rajbhar: राजनीति में सियासी ऊंट कब किस करवट बैठेगा कुछ कहा नहीं जा सकता। यहां न कोई अस्थाई दोस्त होता है और न ही दुश्मन। दोस्ती और दुश्मनी दोनों परिस्थिति पर निर्भर करती है। शायद यही वजह है कि चुनाव के दौरान जो नेता एक दूसरे पर आरोप लगाते हैं, वहीं चुनाव बाद बदले हालात के साथ समझौता करते नजर आते हैं। ऐसा ही कुछ नजारा इन दिनों उत्तर प्रदेश की सियासत में देखने को मिल रहा है। सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी (सुभासपा) के राष्ट्रीय अध्यक्ष ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) और भाजपा के बीच बढ़ती नजदीकियों के चलते कयासबाजी तेज हो गई है।
दरअसल, ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) अपने बेटे के साथ सीएम योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात की है। इस मुलाकात के बाद ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) की भाजपा में वापसी की कयासबाजी काफी तेज हो गई है। बता दें कि गत दिनों सपा गठबंधन से अलग हुए ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) अखिलेश यादव (Yogi Adityanath) पर लगातार हमला बोल रहे हैं। अखिलेश यादव (Yogi Adityanath) के खिलाफ मोर्चे के बीच राजभर की सीएम योगी से मुलाकात के कई सियासी मायने निकाले जा रहे हैं। ऐसे में यह चर्चा तेज हो गई है कि क्या ओमप्रकाश राजभर (Om Prakash Rajbhar) फिर से भाजपा से हाथ मिलाएंगे?
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हालांकि ओम प्रकाश राजभर की तरफ से कहा जा रहा है कि उच्च न्यायालय इलाहाबाद के आदेशों पर अमल कराने के लिए उन्होंने मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) से मुलाकात की है। इस दौरान उन्होंने उच्च न्यायालय के आदेश का पालन कराने संबंधी पत्र भी सीएम योगी को सौंपा है। राजभर के मुताबिक मुख्यमंत्री ने पूरे मामले को गंभीरता से लिया। उन्होंने इस मामले में केंद्र सरकार को प्रस्ताव भेजने का निर्देश समाज कल्याण विभाग को दिया है।
ओमप्रकाश राजभर के अनुसार उच्च न्यायालय इलाहाबाद ने यह आदेश 11 मार्च, 2022 को दिया था। इस आदेश में राजभर जाति को एसटी में सूचीबद्ध करने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजने को कहा गया है। ओमप्रकाश ने कहा कि राजभर जाति महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश और छत्तीसगढ़ में एसटी में सूचीबद्ध हैं। इसी के साथ ही राज्य की अष्टम विधानसभा की याचिका समिति की ओर से भी इसकी सिफारिश की गई है। काबिले गौर है कि राजभर बिरादरी उत्तर प्रदेश में अभी पिछड़ी जाति में सूचीबद्ध है।
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