नई दिल्ली। लव जिहाद के खिलाफ बन रहे कानूनों के विरोध में दायर याचिका पर बड़ी खबर सामने आ रही है। सुप्रीम कोर्ट ने लव जिहाद के खिलाफ बने कानूनों पर अभी किसी तरह की रोक नहीं लगायी है। साथ ही उत्तर प्रदेश और उत्तराखंड सरकार को नोटिस जारी कर इसपर उनका पक्ष माँगा है। वहीं यह भी कहा है कि बनाए गए इन कानूनों की संवैधानिकता को परखा जायेग। बताते चलें कि यूपी में लव जिहाद के बढ़ते मामलों को रोकने के मकसद से बनाए गए कानून को राज्यपाल की मंजूरी मिल गई है। इसे लेकर शासनादेश भी जारी कर दिया गया है। वहीं अब प्रदेश में कोई दूसरे धर्म में अगर कोई शादी करना चाहता है तो उसे भी आवेदन करना होगा, जिसका प्रारूप भी जारी किया गया है।
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गौरतलब है कि मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में हुई प्रदेश कैबिनट बैठक में शादी के लिए अवैध धर्मांतरण रोधी कानून के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। मंत्री सिद्धार्थनाथ सिंह ने बताया था कि उत्तर प्रदेश कैबिनेट उत्तर प्रदेश विधि विरुद्ध धर्म समपरिवर्तन प्रतिषेध अध्यादेश 2020 लेकर आई है। यह अध्यादेश उत्तर प्रदेश में कानून व्यवस्था सामान्य रखने के लिए और महिलाओं को इंसाफ दिलाने के लिए जरूरी है। प्रदेश के गृह विभाग ने लव जिहाद के खिलाफ प्रस्तावित कानून का मसौदा पहले ही तैयार कर लिया था। इस कानून के लिए कई विषेशज्ञों से भी सलाह ली जा रही थीं। अध्यादेश के इस मसौदे को परीक्षण के लिए विधायी विभाग को भी भेज दिया गया था।
विभाग ने कानून का जो मसौदा तैयार किया है उसमें ‘लव जिहाद’ शब्द का जिक्र नहीं है। इसे लेकर कानून आयोग के अध्यक्ष आदित्यनाथ मित्तल ने भी कहा था कि दो अलग-अलग धर्म के लोग आपस में शादी कर सकते हैं लेकिन नए कानून में व्यवस्था अवैध रुप से धर्मांतरण को लेकर है। इसमें 3 वर्ष, 7 वर्ष और 10 वर्ष की सजा का प्रावधान है। इस नए कानून की मदद से अवैध रुप से धर्मांतरण कर शादी करने पर रोक लगेगी। अवैध धर्मान्तरण पर अब लगाम लगेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने पिछले दिनों लव जिहाद के खिलाफ कानून बनाने का ऐलान किया था। पिछले दिनों इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने फैसला सुनाया था कि केवल शादी के लिए ही धर्म परिवर्तन को स्वीकार नहीं किया जा सकता है। कोर्ट के इस फैसले का स्वागत मुख्यमंत्री योगी ने करते हुए कहा था कि, जो लोग नाम छिपाकर बहू बेटियों की इज्जत से खिलवाड़ करते हैं। अगर वे नहीं सुधरे तो राम नाम सत्य की उनकी अंतिम यात्रा निकलने वाली है।
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