सुमित मेहता

Lok Sabha Elections 2024: आगामी लोकसभा चुनाव को लेकर विपक्ष मोदी सरकार को सत्ता से हटाने के लिए खास रणनीति पर काम कर रहा है। लेकिन 2024 के चुनाव में एक समय उत्तर प्रदेश का सबसे मजबूत राजनीतिक दल अपने वजूद के लिए लड़ता हुआ दिखाई देगा, जो निश्चिततौर पर चिंता का विषय है। बहुजन समाज पार्टी एक समय में सबसे मजबूत राजनीतिक दल था, लेकिन आज यह पार्टी विलुप्त होने की कगार पर है।

लोकसभा चुनाव से विधानसभा चुनाव में विपक्षी दलों को बसपा कड़ी टक्कर देते हुए दिखती थी, लेकिन 2014 के बाद से ये पार्टी सिर्फ वोट कटुवा पार्टी बनकर ही रह गई है। साल दर साल पार्टी का वोट प्रतिशत लगातार कम होता जा रहा है। विधानसभा से लेकर लोकसभा तक पार्टी के नेता कम होते जा रहे हैं। 2007 के विधानसभा चुनाव में 30.43% पाकर 206 सीटें जीतने वाली बसपा ने उत्तर प्रदेश में सरकार बनाई थी, लेकिन 2012 में 25.91% वोट और सिर्फ 80 सीटों पर जीत मिली। यानी 126 सीटों का नुकसान।

इसके बाद 2017 में भी पार्टी का प्रतिशत गिरा और उसने 22.23% हासिल करके सिर्फ 19 सीटों पर ही जीत दर्ज कर पाई। इस साल भी उसे 61 सीटों का नुकसान हुआ था। 2022 के चुनाव में तो पार्टी ने एक सीट पर ही जीत दर्ज की और उसे 12.88 प्रतिशत वोट मिले। अब जब 2024 लोकसभा का चुनाव करीब है, तो पार्टी के सामने नई मुसीबत खड़ी हो गई है। क्योंकि बसपा के साथ अब न कांग्रेस चुनाव में जाना चाहती है और न ही समाजवादी पार्टी।

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2009 में पार्टी की 20 लोकसभा सीटों पर जीत दर्ज करने वाली पार्टी का प्रदर्शन 2014 में बेहद निराशजनक रहा और पार्टी एक भी सीट यूपी में जीत नहीं पाई, जबकि पार्टी को 19.77% वोट मिले थे। इसके बाद 2019 में सपा से गठबंधन करके मायावती पार्टी की लाज बचाई और बसपा 10 सीटें जीतने में सफल रही। इस जीत की भी वजह गठबंधन रहा, वरना बसपा 2019 में भी एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं होती है। अब 2024 में बसपा फिर अकेले चुनाव लड़ने की तैयारी कर रही है। ऐसे में पिछले दिनों आये सर्वे में सामने आया है कि मायावती प्रदेश में एक भी सीट जीतने में कामयाब नहीं होंगी।

अगर ऐसा निश्चित तौर पर होता है तो 2027 के विधानसभा चुनाव में बसपा यूपी विधासनभा से विलुप्त हो जाएगी और सिर्फ इतिहास के पन्नों तक ही सीमित रह जाएगी। फिलहाल बसपा का प्रदर्शन सिर्फ उत्तर प्रदेश में खराब हो रहा है, जबकि अन्य राज्यों में पार्टी बेहतर प्रदर्शन कर रही है।

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