कानपुर देहात: यूपी विधानसभा चुनाव का मतदान लगभग खत्म हो चुका है। ऐसे में अब सबकी निगाहें चुनाव परिणाम पर आकर टिक गई हैं। लोग पुराने आंकड़े और नए समीकरण के गुत्मगुथी में जुट गए हैं। सभी के अपने तर्क हैं और अपने आंकड़े हैं। ऐसे में कानपुर देहात की चारों सीटों के समीकरणों पर चर्चा तेज हो गई है। कानपुर देहात की रसूलाबाद, रनियां, सिकंदरा और भोगलीपुर विधानसभा सीट पर वर्तमान में भाजपा का कब्जा है। इन सीटों पर भाजपा और सपा के बीच कांटे की टक्कर दिखाई दे रही है। राजनीतिक जानकारों की मानें तो यहां भाजपा की जमीन काफी मजबूत है, लेकिन सत्ता विरोधी लहर का नुकसान पार्टी को उठाना पड़ सकता है।
205- रसूलाबाद विधानसभा सीट
कानपुर देहात जिले की रसूलाबाद विधानसभा सीट हिंदू-मुस्लिम एकता का प्रतीक माना जाता है। यहां हजरत गुल पीर शाह रहमतुल्ला अलेह की दरगाह काफी मशहूर है। यहां उर्स हर साल धूमधाम से मनाया जाता है। धनगर बाबा का मंदिर भी यहीं पर है, जिसमें हिंदू-मुस्लिम सबकी आस्था बसती है। रसूलाबाद कस्बा में स्थित शिव मंदिर धर्मगढ़ बाबा के नाम से मशहूर है, मान्यता है कि यहां पर लोगों की सभी मनोकामनाएं पूर्ण होती हैं।
वर्ष 2012 के चुनाव में यहां से सपा प्रत्याशी शिव कुमार बेरिया की जीत हुई थी, लेकिन वर्ष 2017 के चुनाव में यह सीट बीजेपी के खाते में आ गई और बीजेपी प्रत्याशी निर्मला शंखवार ने यहां से शानदार जीत दर्ज की। यहां उनकी सपा प्रत्याशी अरुणा कोरी के साथ मुख्य लड़ाई थी। इसबार यहां से बीजेपी ने पूणम सांखवार, सपा ने कमलेश दिवाकर, बसपा ने सीमा सिंह व कांग्रेस ने मनोरमा को मैदान में उतारा है। यहां मतदान 20 फरवरी को संपन्न हो चुका हैं।
सियासी इतिहास
2017- निर्मला शंखवार (भाजपा)
2012- शिव कुमार बेरिया (सपा)
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
मुस्लिम- 20 हजार
अनुसूचित जातियां- 1.10 हजार
ब्राह्मण- 27 हजार
लोधी- 60 हजार
क्षत्रिय- 25 हजार
यादव- 25 हजार
पाल- 22 हजार
मतदाता
कुल मतदाता- 2,71,763
पुरुष- 1,60,340
महिला- 1,11,423
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206- रनियां विधानसभा सीट
वर्ष 1981 में कानपुर देहात जिला बनने के बाद से यहां काफी राजनीतिक उतार-चढ़ाव आए। कानपुर देहात की अकबरपुर रनिया सीट काफी चर्चित सीट रही है। बसपा सुप्रीमो मायावती ने प्रदेश में सरकार बनने के बाद कानपुर देहात का नाम बदलकर रमाबाई नगर कर दिया था। लेकिन सत्ता बदलते ही सपा सरकार ने इसे फिर से कानपुर इेहात कर दिया। रनिया विधानसभा सीट का आधा हिस्सा कानपुर नगर से सटा हुआ है। इतना ही नहीं अकबरपुर रनिया इंडस्ट्रियल एरिया में आता है। वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी प्रतिभा शुक्ला ने सपा प्रत्याशी नीरज सिंह गौर को हराकर विधायक बनी थीं। बीजेपी प्रत्याशी प्रतिभा शुक्ला को 87430, सपा प्रत्याशी नीरज सिंह गौर को 58701 और सतीश शुक्ला को 45761 वोट हासिल हुए थे। बीजेपी ने प्रतिभा शुक्ला पर इसबार भी भरोसा जताते हुए प्रत्याशी बनाया है, तो वहीं सपा से आरपी कुशवाहा, बसपा से अजीत पाल और कांग्रेस से प्रियंका जायसवाल मैदान में हैं।
सियासी इतिहास
2017- प्रतिभा शुक्ला (भाजपा)
2012- रामस्वरूप सिंह (सपा)
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
मुस्लिम- 22 हजार
अनुसूचित जातियां- 69 हजार
ब्राह्मण- 50 हजार
यादव- 50 हजार
क्षत्रिय- 25 हजार
लोनिया और पाल- 25 हजार
वैश्य- 22 हजार
मतदाता
कुल मतदाता- 2,87,578
पुरुष- 1,58,615
महिला- 1,28,931
थर्ड जेंडर- 32
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207- सिकंदरा विधानसभा सीट
कानपुर देहात जिले की सिकंदरा सीट वही क्षेत्र है जहां दस्यु सुंदरी मायावती ने 22 ठाकुरों का नरसंहार किया था। ज्ञात हो कि सिकंदरा विधानसभा सीट का गठन 2012 में परिसीमन के बाद हुआ था। इससे पहले यह सीट राजपुर विधानसभा में थी। इस सीट पर बसपा का दबदबा रहा है, यहां से कई बार बसपा प्रत्याशी की जीत हुई है। वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी मथुरा प्रसाद पाल ने यहां से जीत हासिल की थी। उन्होंने सपा के पूर्व सांसद राकेश सचान की पत्नी सीमा सचान को हराकर सीट पर कब्जा जमाया था। लेकिन कुछ समय बाद मथुरा पाल की असमय मौत के बाद यह सीट खाली हो गया था, जिसके लिए बाद में उप चुनाव कराया गया। बीजेपी ने उपचुनाव में मथुरापाल के बेटे अजीत पाल को प्रत्याशी बनाया और उन्होंने जीत भी हासिल की।
बीजेपी ने अजीत पाल पर भरोसा जताते हुए इस बार भी उन्हें प्रत्याशी बनाया है। वहीं सपा बसपा ने ब्राह्मण कार्ड खेलते हुए यहां एक ही औरैया के दो ब्राह्मणों को प्रत्याशी बनाया है। सपा ने जहां प्रभाकर पांडेय को टिकट दिया है वहीं बसपा ने लालजी शुक्ला को मैदान में उतारा है। उधर कांग्रेस ने पार्टी के जिलाध्यक्ष नरेश कटियार को प्रत्याशी बनाया है।
सियासी इतिहास
2017- मथुरा प्रसाद पाल (भाजपा)
2012- इंद्रपाल सिंह (बसपा)
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
अनुसूचित जातियां- 65 हजार
ब्राह्मण- 45 हजार
कुर्मी- 40 हजार
क्षत्रिय- 28 हजार
पाल- 25 हजार
मुस्लिम- 22 हजार
मतदाता
कुल मतदाता- 3,22,278
पुरुष- 1,74,842
महिला- 1,47,425
थर्ड जेंडर- 11
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208- भोगनीपुर विधानसभा सीट
कानपुर देहात जिले की भोगनीपुर विधानसभा सीट पर वर्तमान बीजेपी का कब्जा है। वर्ष 2017 के चुनाव में बीजेपी प्रत्याशी विनोद कुमार कटियार ने बसपा के धर्मपाल सिंह भदौरिया को हराया था। हालांकि बीजेपी ने इसबार विनोद कुमार कटियार का टिकट काट दिया है। बीजेपी ने यहां से राकेश सचान को मैदान में उतारा है। वहीं उनके सामने सपा से नरेंद्र पाल सिंह, बसपा से जुनैद खान और कांग्रेस से गोविंद कुमार मैदान में हैं।
सियासी इतिहास
2017- विनोद कुमार कटियार (भाजपा)
2012- योगेंद्र पाल सिंह (सपा)
2007- रघुनाथ प्रसाद (बसपा)
2002- अरुण कुमारी (सपा)
1996- राधे श्याम (बसपा)
1993- भगवती प्रसाद सागर (बसपा)
1991, 1989- प्यारेलाल संखवार (जेडी)
जातिगत आंकड़े (अनुमानित)
मुस्लिम- 37.5 हजार
अनुसूचित जातियां- 1.04 हजार
यादव- 57 हजार
ब्राह्मण- 26 हजार
कुर्मी- 26 हजार
क्षत्रिय- 25.5 हजार
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