सोनभद्र: यूपी विधानसभा चुनाव के आखिरी चरण यानी 7 मार्च को होने वाले मतदान में शामिल सोनभद्र की विधानसभा सीटों का इतिहास काफी दिलचस्प रहा है। यहां की सीटों पर जातीय समीकरण काफी हावी है, लेकिन वर्ष 2017 के चुनाव में मोदी लहर के सामने सारे जातीय समीकरण हवा हो गए थे। मोदी लहर में बीजेपी ने अपने सहयोगी दल के साथ मिलकर यहां की चारों सीटों पर कब्जा कर इतिहास रच दिया था। लेकिन इस बार स्थिति अलग है, और सभी की निगाह भी इन सीटों पर लगी हुई है। वर्ष 2012 में जिले की चारों सीटों में दो पर सपा, एक बसपा और एक पर निर्दलीय उम्मीदवार का कब्जा था। सोनभद्र में घोरावल, राबर्ट्सगंज, ओबरा और दुद्धी चार विधानसभा क्षेत्र हैं।

400- घोरावल विधानसभा सीट (Ghoraval assembly seat)

सोनभद्र जिले की घोरावल सीट (Ghoraval assembly seat) वर्ष 2007 के परिसीमन के बाद अस्तित्व में आया। इस सीट पर पहली बार मतदान वर्ष 2012 में हुआ। पहले चुनाव में समाजवादी पार्टी को जीत होसिल करने में सफलता मिली। सपा प्रत्याशी रमेश चंद्र दुबे बसपा प्रत्याशी अनिल मौर्य को हराकर विधायक बने। वर्ष 2017 के चुनाव में अनिल मौर्य बसपा छोड़कर भाजपा का दामन थाम लिया। भाजपा ने अनिल मौर्य को प्रत्याशी बनाया। अनिल मौर्य ने सपा प्रत्याशी रमेश चंद्र दुबे से वर्ष 2012 का हिसाब पूरा करते हुए इस सीट को भाजपा की झोली में डाल दिया। गौरतलब है कि परिसीमन से पहले यह क्षेत्र मिर्जापुर जिले के रायगढ़ विधानसभा के तहत आता था। अनिल मौर्य रायगढ़ विधानसभा सीट से भी दो बार विधायक रह चुके हैं।

वर्ष 2017 के यह थे आंकड़े

वर्ष 2017 के चुनाव में बसपा का दामन छोड़कर भाजपा में आए अनिल मौर्य ने सपा प्रत्याशी रमेश चंद्र दुबे का हराकर विधायक बने। बीजेपी प्रत्याशी अनिल मौर्य को 1,14,305 वोट मिले, जबकि सपा प्रत्याशी रमेश चंद्र दुबे को 56,656 वोट मिले थे। बसपा प्रत्याशी बीना सिंह तीसरे नंबर पर रहीं, उन्हें 53, 090 वोट हासिल हुए थे। वहीं सपा से गठबंधन के चलते कांग्रेस ने अपने प्रत्याशी नहीं उतारा था। हालांकि इसबार के चुनाव में भी अनिल मौर्य और रमेश चंद्र दुबे फिर आमने सामने हैं। भाजपा ने अनिल मौर्य को जहां प्रत्याशी बनाया है, वहीं सपा समर्थित अपना दल (कमेरावादी) ने रमेश चंद्र दुबे को मैदान में उतारा है।

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401- रॉबर्ट्सगंज विधानसभा सीट (Robertsganj assembly seat) 

उत्तर प्रदेश के दूसरे नंबर के सबसे बड़े जिले सोनभद्र में 7 मार्च को मतदान होने हैं। सोनभद्र जिले की एक खासियत और है कि इसकी सीमाएं देश के चार राज्यों मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, झारखंड और बिहार से जुड़ी हुई हैं। यहां की रॉबर्ट्सगंज की सीट (Robertsganj assembly seat) पर मौजूदा समय में भाजपा के भूपेश चौबे विधायक हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में भाजपा प्रत्याशी भूपेश चौबे ने समाजवादी पार्टी प्रत्याशी अविनाश कुशवाहा को करीब 41000 वोटों के अंतर से हराया था। 2017 से पहले इस सीट पर सपा और बसपा का कब्जा रहा है। यहां से दो बार सपा और एक बार बसपा प्रत्याशी ने जीत दर्ज की है। इसबार के चुनाव में भी सपा और भाजपा के वहीं पुराने चेहरे एक-दूसरे के आपने सामने हैं। भाजपा ने भूपेश चौबे पर दांव लगाया है तो सपा ने अविनाश कुशवाहा को प्रत्याशी बनाया है।

मतदाता

राबर्ट्सगंज सीट (Robertsganj assembly seat) पर ब्राह्मण मतदाताओं का वर्चस्व है। यहां मतदाताओं की संख्या करीब 3.50 लाख है। आंकड़ों के मुताबिक यहां 45 हजार ब्राह्मण, 40 हजार दलित, 28 हजार वैश्य, 18 हजार मुस्लिम, 12 हजार यादव, 20 हजार कुर्मी, 14 हजार धांगर, 12 हजार क्षत्रिय, 12 हजार कनौजिया, 5300 चेरो, 22 हजार बियार और अगरिया, 4 हजार कायस्थ व 22 हजार अन्य मतदाताओं की संख्या है।

402- ओबरा सीट का इतिहास (Obra assembly seat)

सोनभद्र जिले की ओबरा सीट (Obra assembly seat) में कई बड़े उद्योगों के लिए जानी जाती है। यही उद्योग यहां के लोगों के लिए रोजगार का मुख्य साधन है। ओबरा सीट पर मौजूदा समय में बीजेपी के संजीव कुमार विधायक हैं। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी के संजीव कुमार ने सपा प्रत्याशी रवि गोड़ को बड़े अंतर से हराकर जीत हासिल की थी। वहीं वर्ष 2012 विधानसभा चुनाव में बसपा प्रत्याशी सुनील कुमार ने बीजेपी प्रत्याशी देवेंद्र प्रसाद शास्त्री को हराकर सीट पर कब्जा जमाया था। बीजेपी ने संजीव कुमार पर एकबार फिर भरोसा जताते हुए यहां से प्रत्याशी बनाया है तो वहीं समाजवादी पार्टी ने सुनील गोंड़ को मैदान में उतारा है।

जातीय समीकरण

ओबरा विधानसभा सीट (Obra assembly seat) पर यादवों की संख्या सबसे ज्यादा है। आंकड़ों के मुताबिक यहां यादव 30 हजार, गुर्जर और यादव 8000, खरवार 25 हजार, कोल 20 हजार, ब्राह्मण 15 हजार, वैश्य 22 हजार, बैरवा 10 हजार, मौर्या 12 हजार, पटेल 10 हजार, विश्वकर्मा आठ हजार, चेरो बैगा 7000, दलित 16 हजार, पनिका 12 हजार और चौहान 6500 है।

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403- दुद्धी विधानसभा सीट (Duddhi assembly seat)

उत्तर प्रदेश विधानसभा चुनाव (Duddhi assembly seat) की सबसे अंतिम सीट दुद्धी है। यह सोनभद्र जिले की सबसे प्रमुख सीट मानी जाती है। वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बीजेपी गठबंधन अपना दल (एस) के प्रत्याशी हरिराम ने बसपा के दिग्गज नेता विजय सिंह गौड़ को पराजित किया था। अब तक के हुए चुनाव में यहां की जनता ने सबसे ज्यादा विश्वास विजय सिंह गौड़ पर जताया है। चुनावी रुख को भांपने में माहिर विजय सिंह भी हवा का रुख समझकर पार्टी बदलते रहते हैं। बावजूद इसके जनता का विश्वास उनपर बना हुआ है।

क्षेत्र में विजय सिंह गौड़ की पहचान आदिवासी हितों की लड़ाई लड़ने वाले नेता के तौर पर है। विजय सिंह गौड़ 1980 में कांग्रेस (आई) के टिकट से विधायक चुने गए। वह 1989 तक कांग्रेस से विधायक रहे। इसके बाद वर्ष 1991 और 1993 उन्होंने जनता दल का दामन थाम लिया और चुनाव भी जीते। वहीं सपा के टिकट पर 1996 और 2002 के चुनाव में विधायक चुने गए। इस बार यहां से विजय सिंह गौड़ सपा के टिकट पर चुनाव लड़ रहे हैं। वहीं बीजेपी ने राम दुलार गौड़, बसपा ने ​हरिराम चेरो और कांग्रेस ने बसंती पनिका को चुनाव मैदान में उतारा है।

मतदाता

दुद्धी सीट पर गौड़ मतदाता निर्णायक की भूमिका में हैं। जातीय समीकरण के आंकड़ों के मुताबिक गौड़ जाति के मतदाता 48 हजार के करीब हैं। दलित 35 हजार, खरवार 25 हजार, चेरो 10 हजार, अगरिया 9 हजार, वैश्य 30 हजार, ब्राह्मण 18 हजार, यादव 17 हजार, घसिया और क्षत्रिय मतदाताओं की संख्या 9 हजार है। उधर अल्पसंख्यक 18 हजार, बैसवार 14 हजार, कनौजिया 13 हजार, बिंद 14 हजार, धरिकार 12 हजार, विश्वकर्मा पांच हजार, पाल चार हजार और कायस्थ मतदाताओं की संख्या करीब 5 हजार है।

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