Jagriti Mishra
जागृति मिश्रा

Kahani: एक बार की बात है। एक शेर भूखा प्यासा इधर उधर भटक रहा था। चलते चलते वो एक छोटी गुफा के पास आया। दरअसल में वो गुफा एक हिरण की थी। वो हिरण अभी घास खाने गया था। तब हिरण के इंतजार में शेर गुफा के अंदर जाकर बैठ जाता है। धीरे-धीरे शाम हो जाती है। जब हिरण गुफा के पास पहुंचा तो गुफा के द्वार से अंदर की ओर पंजों के निशान थे। ये देखकर हिरण को लगा कि अंदर कोई जानवर है। और वो उसे खा जाएगा। तब उसने पता लगाने के लिए कहा, ओ गुफा आज तुमने मेरा स्वागत नहीं किया कोई आस पास में हैं क्या?

तब अंदर बैठे शेर ने सोचा कि अगर गुफा ने इसका स्वागत नहीं किया तो इसे पता चल जाएगा कि गुफा के अंदर कोई है। तब शेर ने अपनी तड़कती-धड़कती आवाज़ में हिरण का स्वागत किया। उसकी आवाज़ को सुनकर सब पशू-पक्षी वहां से दूर चले गये। तब हिरण समझ गया कि अंदर और कोई नहीं शेर है, और फिर हिरण वहाँ से झट से चला गया। शेर पूरी रात हिरण के इंतजार में गुफा में बैठा रहा। इस तरह हिरण ने अपनी अक्ल से अपने जान की रक्षा की।

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सीख: हमें हमेशा अक्ल से काम लेना चाहिए। छोटी-छोटी बातों पर गौर करना चाहिए क्योंकि हर गलती की शुरुआत छोटे स्तर से होती है, जो बाद में जाकर भयानक हो जाती है। इंसान हो या जानवर सबके सामने चुनौतियां होती हैं। जो दिमाग से काम लेता है वह आसानी से इन चुनौतियों से पार पा लेता है।

(कहानीकार कक्षा 7 की छात्रा है।)

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