Junagadh Violence: सरकारी जमीनों पर अवैध कब्जा जमाना एक वर्ग विशेष की आदत सी हो गई है। ऐसा हम नहीं बल्कि रेलवे पटरी व सड़कों के किनारे बने मजार बता रहे हैं। मजार की आड़ में जमीन कब्जाने का खेल लंबे समय से चल रहा है। वहीं लंबे समय बाद जब सरकार का ध्यान इस ओर गया, तो उपद्रवी अब हिंसा पर उतारू हो गए हैं। उत्तराखंड के बाद गुजरात के जूनागढ़ में अवैध दरगाह को हटाने का नोटिस जारी होते ही मुस्लिम समुदाय उग्र हो गए हैं। उनका यह विरोध बवाल में तब्दील हो गया है। गत रात अवैध दरगाह को लेकर मुस्लिम समुदाय के लोगों की भीड़ ने जबरदस्त हंगामा किया।

उपद्रवियों ने इस दौरान जमकर पथरबाजी की, वहीं पुलिस जब स्थिति को काबू करने के लिए मौके पर पहुंची तो भीड़ ने पुलिस टीम पर भी हमला बोल दिया। इस दौरान मुस्लिम समुदाय के लोगों और पुलिस के बीच झड़प हो गई। पुलिस पर उपद्रवी भारी पड़ गए और मजेवड़ी थाने पर हमला कर दिया। इस बवाल में एक व्यक्ति की मौत हो गई है, जबकि डीएसपी, पीएसआई समेत 5 पुलिसकर्मी घायल हो गए है। घायलों में 2 महिला पुलिसकर्मी भी शामिल हैं। पुलिस ने इस मामले में अभी तक 174 लोगों को हिरासत में ले लिया है।

बताया जा रहा है असामाजिक तत्वों ने एक सरकारी वाहन को भी आग लगा दी। उपद्रवियों ने एसटी बस पर भी पथराव किया, जिसके चलते बस में बैठे कुछ यात्री घायल हो गए। भीड़ को काबू में करने के लिए पुलिस ने आंसू गैस के गोले छोड़े। वहीं इस हिंसा के बाद पूरे इलाके में पुलिस चौकसी बढ़ा दी गई है। ज्ञात हो कि शुक्रवार देर रात पुलिस अवैध दरगाह निर्माण को हटाने के लिए पहुंची थी। इसको लेकर पुलिस और मुस्लिम समुदाय के बीच झड़प हो गई, जिसके बाद मामला उग्र हो गया।

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दरगाह को दिया था अवैध निर्माण का नोटिस

अल्पसंख्यक के नाम पर मुस्लिम अक्सर खुद को कानून से ऊपर समझ बैठते हैं। गुजरात के मजेवाड़ी में भी कुछ ऐसा ही देखने को मिला। यहां प्रशासन ने मजेवाड़ी में स्थित एक दरगाह को लेकर अवैध निर्माण का नोटिस पहले ही दिया था। इसके बाद जिम्मेदारों की तरफ से प्रशासन को कोई जवाब नहीं दिया गया। ऐसे में प्रशासन ने अवैध निर्माण को हटाने का फैसला लिया। अवैध मजार हटाने पहुंची पुलिस और मुस्लिम समुदाय के लोगों के बीच हिंसक झड़प हो गई। इस दौरान उग्र भीड़ ने कई सरकारी वाहनों को भी नुकसान पहुंचाया। उपद्रवियों ने इस दौरान जमकर उत्पात मचाया है। घटना के बाद पूरे इलाके में भारी तनाव है। अब दरगाह को नोटिस जारी कर पांच दिनों में जवाब देने के लिए कहा गया है।

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