कोलकाता। चक्रवाती तूफान तौकते (Cyclone Tauktae) की तबाही मचाने के बाद अब देश के पूर्वी हिस्से में इससे भी खतरनाक तूफान यास (Cyclone Yaas) ने दस्तक दे दी है। पूर्वानुमान के मुताबिक इस तूफान का असर पश्चिम बंगाल, ओडिशा और झारखंड के कुछ इलाकों में पड़ेगा। मौसम विशेषज्ञों के मुताबिक पश्चिम बंगाल और ओडिशा में समंदर किनारे तूफान का सबसे ज्यादा असर रहेगा। वहीं झारखंड में बेहद तेज बारिश की आशंका बनी हुई है। इसी के साथ ही पश्चिम बंगाल और ओडिशा सहित कई पूर्वी राज्यों में बारिश शुरू हो चुकी है और यहां 40 से 50 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ्तार से हवा चल रही है। विशेषज्ञों के अनुसार इन 3 राज्यों के साथ ही आंध्र प्रदेश और अंडमान निकोबार में तूफान का व्यापक असर देखा जा सकता है।
बता दें कि अभी हाल में 16 और 17 मई को देश के पश्चिमी हिस्से महाराष्ट्र और गुजरात में तूफान तौकते आया था। तौकते चक्रवात (Cyclone Tauktae) ने महाराष्ट्र और गुजरात में जबरदस्त तबाही मचाई थी। इस तूफान में करीब 100 लोगों की मौत हुई थी जबकि 16 हजार से ज्यादा घर बर्बाद हो गए थे। तूफान यास (Cyclone Yaas) के खतरे को देखते हुए भारतीय रेलवे ने बंगाल और ओडिशा रूट पर चलने वाली 90 ट्रेनों को रद्द कर दिया है। वहीं उत्तर रेलवे ने दिल्ली से ओडिशा के भुवनेश्वर और पुरी जाने वाली करीब एक दर्जन से अधिक ट्रेनों को निरस्त कर दिया है। इसी क्रम में दक्षिण रेलवे ने भी चक्रवात यास के खतरों को देखते हुए कई ट्रेनों को अस्थायी रूप से निरस्त कर दिया है। ज्ञात हो कि इससे पहले रविवार को पूर्व रेलवे ने 29 मई तक 25 ट्रेनों को निरस्त किया था।
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यास तूफान (Cyclone Yaas) के चलते भुवनेश्वर, कोलकाता, झारसुगुडा और दुर्गापुर हवाई अड्डे पर उड़ानों का संचालन प्रभावित हो सकता है। भारतीय विमानपत्तन प्राधिकरण (AAI) ने बयान जारी कर चक्रवाती हवाओं के मार्ग में बदलाव होने की आशंका को देखते हुए पूर्वी क्षेत्र के अन्य हवाई अड्डों को अलर्ट पर रहने का निर्देश दिया है। प्राधिकरण की तरफ से कहा गया है कि भुवनेश्वर, कोलकाता, झारसुगुडा और दुर्गापुर हवाई अड्डों पर उड़ान संचालन चक्रवात से प्रभावित होने की पूरी संभावना है। इसी के साथ ही रांची, पटना, रायपुर, जमशेदपुर, बागडोगरा, कूचबिहार, विशाखापट्टनम और राजमुंदरी हवाई अड्डों को चक्रवाती हवाओं के मार्ग बदलने की आशंका जताते हुए में अलर्ट रहने का निर्देश दिए हैं।
फिलहाल चक्रवात यास पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह नजर बनाए हुए हैं। वह राज्यों के मुख्यमंत्रियों और अधिकारियों के संपर्क में बने हुए हैं। साथ ही प्रभावित होने वाले क्षेत्रों में हर संभव मदद करने के भी निर्देश दे दिए गए हैं।
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