नई दिल्ली। गणतंत्र दिवस के मौके पर राजधानी दिल्ली में उपद्रव मचाने के बाद किसान आंदोलनों के खिलाफ विरोध के स्वर मुखर होने लगे हैं। अब तक किसानों के नाम पर मिल रहे समर्थन की वजह से जो प्रशासन अब तक इनके सामने नतमस्तक था, अब वही इनके खिलाफ कड़े एक्शन करने के मूड में दिख रहे हैं। इसी के तहत उत्तर प्रदेश पुलिस ने कृषि कानूनों के विरोध में लगभग दो महीनों ने यूपी गेट और गाजीपुर बॉर्डर पर डेरा डालकर बैठे किसानों को हटाने के लिए कमर कस ली है। यहां चल रहे किसानों के धरनास्थलों के बिजली-पानी को काट दिया गया है।
बड़ी संख्या में पुलिस और अर्धसैनिक बलों की तैनाती कर दी गई है। पुलिस और अर्धसैनिक बलों की संख्या में बढ़ोतरी को देखते हुए यह साफ हो रहा है की किसानों के धरने का आज अंतिम दिन है। वहीं, राकेश टिकैत यहां से हटने को तैयार नहीं दिख रहे हैं। लेकिन उनके भाषण में बल पूर्वक हटाए जाने का डर भी साफ दिख रहा है।
इतना ही नहीं किसान नेता आगे की रणनीति को लेकर बैठक कर रहे हैं। वहीँ खबर है कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने प्रशासन को हर हाल में धरना समाप्त कराने का निर्देश दिया है। प्रशासन ने गाजीपुर बॉर्डर पर किसानों का धरना समाप कराने के लिए धारा-144 लगा दी है। बॉर्डर पर बैरिकेडिंग कर रास्ता दोनों तरफ से बंद कर दिया गया है। इस बारे में जानकारी देते हुए गाजियाबाद एडीएम सिटी शैलेन्द्र कुमार सिंह ने बताया कि सीआरपीसी की धारा 133 (उपद्रव हटाने के सशर्त आदेश) के तहत किसानों को एक नोटिस दे दिया गया है।
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