मुंबई। कहते हैं कि बिना आग के धुंआ नहीं उठता। कृषि कानूनों के विरोध में जारी किसान आंदोलन के पीछे अगर तगड़ी साजिश की बात की जा रही है तो वह अकारण ही नहीं है। जिस हिसाब से विदेशों से किसान आंदोलन के समर्थन में आवजें उठ रही हैं। उससे आंदोलन पर संदेह होना स्वाभाविक है, वह भी तब जब समर्थन में आवाज उठाने वालों की कृषि से दूर दूर तक कोई वास्ता न हो। वहीं अब दिल्ली पुलिस ने ग्रेटा थनबर्ग की तरफ से किसान आंदोलन के लेकर शेयर किए गए टूलकिट पर बड़ा खुलासा किया है। दिल्ली पुलिस की स्पेशल सेल ने जानकारी देते हुए बताया है कि निकिता जैकब ने शांतनु और क्लाइमेट एक्टिविस्ट दिशा रवि के साथ मिलकर इस टूलकिट को तैयार किया था। साथ ही शांतनु की ओर से बनाई गई ईमेल आईडी के जरिए इस गूगल डॉक्युमेंट को तैयार किया गया था। इन लोगों ने मिलकर इसे तैयार किया था।

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निकिता के घर की तलाशी से खुले राज

इस सिलसिल में दिल्ली पुलिस की टीम ने 11 फरवरी को निकिता जैकब के मुंबई स्थित घर की तलाशी ली थी। इसी तलाशी के दौरान दिल्ली पुलिस को यह जानकारी हासिल हुई। निकिता जैकब के सभी इलेक्ट्रॉनिक गैजेट्स की जांच कराई गई थी। हालांकि निकिता जैकब फरार चल रही हैं और गिरफ्तारी से बचने के लिए शीर्ष अदालत का दरवाजा खटखटाया है। इस बारे में दिल्ली पुलिस की साइबर सेल के जॉइंट कमिश्र प्रेमनाथ ने बताया कि टूलकिट के तमाम स्क्रीनशॉट्स ओपन सोर्स पर मौजूद थे। इसी के आधार पर जब जांच को आगे बढ़ाया गया तो यह बात निकलकर सामने आई है।

स्क्रीनशॉट्स सामने आने पर शुरू हुई जांच

दिल्ली पुलिस ने खुलासा करते कहा है कि दिशा रवि ने उस वॉट्सऐप ग्रुप को डिलीट कर दिया है, जिसे टूलकिट तैयार करने के लिए बनाया था। पुलिस ने बताया कि टू किट के कई स्क्रीनशॉट्स के सामने आने पर जांच शुरू की गई थी। इस बारे में जब पर्याप्त जानकारी हाथ लगी तो हमने निकिता जैकब के खिलाफ 9 फरवरी को कोर्ट से वारंट हासिल किया। इतना ही नहीं दिल्ली पुलिस ने निकिता जैकब का संपर्क खालिस्तान समर्थक नेता मो धालीवाल से भी होने का दावा किया है। साथ ही यह भी बात सामने आई है कि 26 जनवरी से ठीक पहले जूम पर एक मीटिंग भी हुई थी, जिसमें ट्विटर पर किसान आंदोलन से जुड़े भड़काऊ हैशटैग्स को ट्रेंड कराने की रणनीति बनाई गई थी।

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