लखनऊ। एबी फाउंडेशन के तत्वाधान में “हाउ टो अवॉइड मेंटल एंड इमोशनल चैलेंज ड्यूरिंग और पोस्ट कोबिट” विषय पर वेबिनार का आयोजन किया गया, जिसमें देश के जाने-माने डॉक्टरों ने अपने विचार रखे। वेबीनार में डॉक्टर रंजन घोष जोकि काफी समय अमेरिका में थे एवं पिछले 2 वर्षों से वह कोलकाता में मनोचिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्होंने पांच महत्वपूर्ण बिंदुओं को अपने जीवन शैली में शामिल करने के लिए जोर दिया, जिसमें योग प्राणायाम, अपने आप को हमेशा एक्टिव रखना तथा लोगों से सामाजिक रूप से जुड़े रहना महत्वपूर्ण है। वहीं सेमिनार के दूसरे वक्ता के रूप में दिल्ली के जाने-माने कार्डियोलॉजिस्ट डॉक्टर आनंद पांडे ने बताया इंडिया जोकि सुसाइडल रेट में विश्व में नंबर वन है, वहां मानसिक रोगों को काफी नेगलेक्ट किया गया है इस पर अवेयरनेस की अत्यंत आवश्यकता है।
उन्होंने लोगों से अपील की कि उन्हें सामाजिक दूरी न अपनाकर बल्कि फिजिकल दूरी अपनानी है। उन्होंने यह भी बताया कि जो भी व्यक्ति किसी न किसी माध्यम से अपने आप को मानसिक रूप से पॉजिटिव रखने में सफल रहे हैं उनके ऊपर कोरोना का प्रभाव अन्य रोगियों की तुलना में काफी कम है। तीसरे वक्ता के रूप में डॉक्टर विवेक दवे जोकि तिहार जेल मैं मनोचिकित्सक के रूप में अपनी सेवाएं दे रहे हैं, उन्होंने बताया कि कोरोना के बाद मानसिक अवसाद को आप इग्नोर नहीं कर सकते हैं लेकिन इस से डरना नहीं है बल्कि उसका मुकाबला करना है।
इसे भी पढ़ें: जान गंवाने वाले डॉक्टरों को मिले शहीद का दर्जाः डा. राजन शर्मा
उन्होंने लोगों से अपील की कि वह शराब और सभी तरह के नशीले पदार्थों के सेवन से दूर रहें तथा एक व्यवस्थित जीवन शैली अपनाएं। कार्यक्रम के अंतिम वक्ता के रूप में कोलकाता के न्यूरोलॉजिस्ट डॉक्टर सुधीर कुमार ने बताया कि कोरोना के कारण जहां मृत्यु दर एक परसेंट से कम है, वहीं लोगों के अंदर मानसिक अवसाद हंड्रेड परसेंट है इसे बहुत ही अच्छे ढंग से मैनेजमेंट करने की आवश्यकता है। कार्यक्रम में संस्था के मार्गदर्शक एवं वरिष्ठ पत्रकार जोकि नेशन टुडे के मुख्य संपादक पदम पति शर्मा ने ब्लैक फंगस तथा अन्य बिंदु जो कि लोगों के स्वास्थ्य से संदर्भ है उनसे जुड़े महत्वपूर्ण विषयों को अपने प्रश्नों के माध्यम से चिकित्सा विशेषज्ञ के सामने रखा। वहीं संस्था के ट्रस्टी जो दिल्ली के चार्टर्ड अकाउंटेंट हैं चंद्रकांत मिश्रा ने अपने एबी फाउंडेशन के द्वारा किए गए विषयों पर वेबीनार तथा आने वाले समय में अपने कार्यक्रम की जानकारी दी।
कार्यक्रम के मॉडरेटर आईआईटी कानपुर के रवि पांडे ने हमेशा की तरह अपने दायित्व को पूरी जिम्मेदारी से निभाया। कार्यक्रम अंत में कोलकाता के एडवोकेट आनंद कुमार सिंह ने एबी फाउंडेशन की तरफ से धन्यवाद ज्ञापन में अपने सारे वक्ताओं तथा श्रोताओं का दिल से शुक्रिया अदा किया। उन्होंने सबकी लंबे स्वास्थ्य की कामना करते हुए कहा कि पिछले 12000 बरसों की सुमन हिस्ट्री में लगभग 300 से 500 मिलियन मनुष्य जोकि किसी न किसी महामारी का शिकार रहे हैं। उनके अंदर मानसिक अवसाद, डिप्रेशन तथा आत्महत्या जैसी समस्या उत्पन्न होती है जिसे सही समय पर चिकित्सा विशेषज्ञों की मदद से नियंत्रित करने की आवश्यकता है, जिससे उनके जीवन को बचाया जा सके। उन्होंने लोगों से अपील की कि वह खुद की ओर अपने अपनों का ख्याल रखें।
इसे भी पढ़ें: पुराने सिक्के से बन सकते हैं लखपति, जानें बेचने का तरीका