रायबरेली। प्रदेश के गांवों में भी कोरोना फैल चुका है। फर्क सिर्फ इतना है कि गांवों में जांच और जानकारी के अभाव में इसका पता नहीं चल पा रहा है। प्रशासन जिसकी जिम्मेदारी है कि समय से तैयारी करके ग्रामीणों को असमय काल के गाल में जाने से बचा सके, वह अभी सब ठीकठा होने का दावा कर कागजी कोरम पूरा करने में लगे हैं। रायबरेली में भी कोरोना काफी तेजी से फैल रहा है। कोरोना संक्रमण के बढ़ते मामलों को देखते हुए एसडीएम अंशिका व डीएसपी अंजनी ने ग्रामीणों को बचाने का मोर्चा संभाल लिया है। इसी के तहत दोनों अधिकारियों ने स्वास्थ्य विभाग की टीम के साथ कोरोना से संक्रमित गांव में सैनिटाइजेशन व कोरोना टेस्ट कराया साथ ही संक्रमितों को दवाइयां मुहैया कराई। इस दौरान ग्रामीणों को कोरोना से बचाव के प्रति जागरूक भी किया गया।
बता दें कि गुरबख्शगंज थानाक्षेत्र के सुल्तानपुर खेड़ा में कोरोना संक्रमण के चलते एक महीने में करीब डेढ़ दर्जन लोगों की मौत हो चुकी है। इतनी मौतों के बाद प्रशासन की नींद अब टूटी है। उप जिलाधिकारी अंशिका दीक्षित व पुलिस क्षेत्राधिकारी डॉक्टर अंजनी कुमार चतुर्वेदी की निगरानी में स्वास्थ्य विभाग की टीम को गांव में भेजा गया और पूरे गांव का सैनिटाइजेशन का कराया गया। इसके साथ ही घरों से लोगों को बुला-बुला कर उनका कोरोना जांच भी कराया गया। जिन लोगों में कोरोना के लक्षण पाए गए उनको दवा देकर एहतियात बरतने को कहा गया। वहीं गांव में लगातार हो रही मौतों से दहशत में आए ग्रामीणों को भी स्वास्थ्य विभाग की टीम पहुंचने के बाद राहत की उम्मीद नजर आई है।
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बता दें कि उत्तर प्रदेश के कई ऐसे गांव है जहां कोरोना बड़े पैमाने पर दस्तक दे चुका है। जानकारी के अभाव और सरकारी अस्पतालों के रवैए के चलते लोगों जांच कराने की जगह स्थानीय डॉक्टरों को दिखाकर बुखार की दवा ले रहे हैं। ग्रामीण क्षेत्रों में ऐसे ढेरों मामले है जिनमें यह कहा जाता है कि फलाने को दो—तीन दिन से बुखार आ रहा था और आज उनकी मौत हो गई। ऐसी स्थिति में ग्रामीण क्षेत्रों में कोरोना कितना व्यापक रूप ले चुका है, इसका अंदाजा लगा पाना मुश्किल है।
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