Poem: ससुरी गरमी
ससुरी गरमी खाय रही है। दिन मा दुइ-दुइ बार नहाई लागै बम्बा मा घुसि जाई। जब देखो तब बिजुरी गायब, ओकरे संगे पानिउ गायब। झाड़ू-पोंछा अबै लगावा, आंधी चली, दंड…
ससुरी गरमी खाय रही है। दिन मा दुइ-दुइ बार नहाई लागै बम्बा मा घुसि जाई। जब देखो तब बिजुरी गायब, ओकरे संगे पानिउ गायब। झाड़ू-पोंछा अबै लगावा, आंधी चली, दंड…
kahani: एक दिन एक राजा ने राजपंडित को बुलाया और उसे बहुत सख्ती से आदेश दिया कि राजा परीक्षित ने सुखदेव से भगवत गीता सुनकर मोक्ष प्राप्त किया था। उन्हें…
आचार्य संजय तिवारी नवसृजित ऊर्जा का अतिशय तीव्र प्रवाह है कथक। यह केवल नृत्य नहीं है। यह वस्तुतः सृष्टि की वह प्रकृति है जिसमें वेग, गति, लय, ताल और छंद…
कोलकाता से 200 साल पहले जब पं. युगुलकिशोर शुक्ल ने हिंदी का पहला पत्र 30 मई,1826 को प्रारंभ किया होगा, तो उन्होंने यह सोचा भी न होगा कि हिंदी पत्रकारिता…
मैं नदी-नाल का केवट हूँ, तुम भवसागर के मालिक हो। मैं तो लहरों से लड़ता रहा तुम पार उतरने वाले हो। मेरी नैया डगमग डोले तेरी कृपा तो संबल हो।…
Kahani: गिद्धों का एक झुण्ड खाने की तलाश में भटक रहा था। उड़ते-उड़ते वह एक टापू पर पहुँच गए। वह जगह उनके लिए स्वर्ग के समान थी। हर तरफ खाने…
हिंदी पत्रकारिता दिवस हम 30 मई को मनाते हैं। इसी दिन 1826 को कोलकाता से पं. युगुल किशोर शुक्ल ने हिंदी भाषा के पहले पत्र ‘उदंत मार्तण्ड’ की शुरुआत की…
जब रसोई में दाना न हो छप्पन भोग बना दे। सोने को बिछौना न हो पलकें बिछा दे। सिर पर छत न हो आँचल ओढ़ा दे। रोने को कंधा न…
Pauranik Katha: क्षीरसागर में भगवान विष्णु शेष शैया पर विश्राम कर रहे हैं और लक्ष्मीजी उनके पैर दबा रही हैं। विष्णुजी के एक पैर का अंगूठा शैया के बाहर आ…
Vat Savitri: अखंड सौभाग्य का नैसर्गिक अनुष्ठान ही सनातन संस्कृति का संकल्प है। यह अखंड समस्त सृष्टि के लिए संकल्पित है। सृष्टि की समग्र ऊर्जा को विधाता ने नारी तत्व…