Kahani: संन्यासी की जड़ी-बूटी

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक वृद्ध संन्यासी हिमालय की पहाड़ियों में कहीं रहता था। वह बड़ा ज्ञानी था और उसकी बुद्धिमत्ता की ख्याति दूर-दूर तक फैली थी।…

Poetry: मालिक जिंदाबाद

मेरे प्यारे, कुत्ता भाइयो! तुम सो रहे हो, अपना भविष्य खो रहे हो। हम तुम्हें जगाने आए हैं, तुम्हारी नींद भगाने आए हैं। नसीहतें मानते रहो, चैन से सोना है…

Poem: नेता बनाम नेता

उस नेता ने नारा दिया था स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है। अब नेता का नारा है अपनी तिजोरी भरना हमारा कर्मसिद्ध अधिकार है। उस नेता ने कहा था तुम मुझे…

Pauranik Katha: जरासंध के जन्म एवं मृत्यु का रहस्य

Pauranik Katha: महर्षि वेदव्यास द्वारा रचित महाभारत ग्रंथ में अनेक महारथी व बलशाली राजाओं का वर्णन है। ऐसा ही एक महारथी राजा था जरासंध। उसके जन्म व मृत्यु की कथा…

Prerak Prasang: मृत्यु के साथ मिट जाते हैं रिश्ते

Prerak Prasang: एक बार देवर्षि नारद अपने शिष्य तुम्बरू के साथ मृत्युलोक का भ्रमण कर रहे थे। गर्मियों के दिन थे। गर्मी की वजह से वह पीपल के पेड़ की…

Prerak Prasang: स्वर्ग और नरक

Prerak Prasang: स्वर्ग- यह नाम है सुख विशेष या उस विशेष सुख को प्राप्त करने की सामग्री का। नरक- यह नाम है दुःख विशेष या उस दुःख को प्राप्त करने…

Kahani: थूकने वालों से दूर रहो

Kahani: एकबार नाव डूबने के बाद नाविक और पांच-सात कुशल तैराक नदी में तैरकर अपनी-अपनी जान बचाये। उधर नाव सबको नदी में छोड़, खुद आगे निकल गई। बचे हुए लोग…

Akshaya Tritiya Special: अक्षय है अस्तित्व

अक्षय तृतीया या आखा तीज वैशाख मास में शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को कहते हैं। पौराणिक ग्रंथों के अनुसार इस दिन जो भी शुभ कार्य किये जाते हैं, उनका…

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