भारत में मातृभाषाओं का संकट: चुनौतियां और समाधान

भाषा का संबंध इतिहास, संस्कृति और परंपराओं से है। भारतीय भाषाओं में अंतर-संवाद की परंपरा बहुत पुरानी है और ऐसा सैकड़ों वर्षों से होता आ रहा है। यह उस दौर…

Kavita: गति को प्रगति

गति को प्रगति प्रगति को मति दे। मति को दृष्टि सुज़न संगति दे।। पौरुष को धैर्य धैर्य को विवेक दे। विवेक को नीति नीति को सम्मति दे।। साहस शील विनय…

Pauranik Katha: शृंग ॠषि और भगवान राम की बहन शांता

Pauranik Katha: श्रीराम के माता-पिता, भाइयों के बारे में तो प्रायः सभी जानते हैं, लेकिन बहुत कम लोगों को यह जानकारी है कि राम की एक बहन भी थीं, जिनका…

डिजिटल क्रांति से हिंदी को मिली नई पहचान

मातृभाषा वैयक्तिक और पारिवारिक पृष्ठभूमि का बोध कराती है। समाज को स्वदेशी भाव-बोध से सम्मिलित कराते हृए वैश्विक धरातल पर राष्ट्रीय स्वाभिमान की विशिष्ट पहचान दिलाती है। किसी भी देश…

Pauranik Katha: सोलह पौराणिक पात्र, इनका जन्म माता-पिता के सयोंग के बगैर ही हुआ है!

Pauranik Katha: दुनिया के सबसे अधिक पुराने धर्म, हमारे हिन्दू धर्म ग्रंथों में तमाम ऐसी कथायें वर्णित हैं, जिनमें ऐसा कहा गया है कि इन सभी का जन्म पिता के…

Kahani: मिट्टी का प्रभाव

Kahani: जिस भूमि में जैसे कर्म किए जाते हैं, वैसे ही संस्कार वह भूमि भी प्राप्त कर लेती है। इसलिए गृहस्थ को अपना घर सदैव पवित्र रखना चाहिए। मार्कण्डेय पुराण…

अमृतकाल में राजभाषा हिंदी को मिलेंगी नई राहें..!

किसी भी लोकतांत्रिक देश में जनता और सरकार के मध्य जन-जन की भाषा ही संपर्क भाषा के रूप में सार्थक भूमिका अदा कर सकती है। हिंदी, भारतीय संस्कृति के मूल…

Pauranik Katha: सत्यवादी राजा हरिश्चंद्र

Pauranik Katha: राजा हरिश्चंद्र अयोध्या के प्रसिद्ध सूर्यवंशी राजा थे। जो सत्यव्रत के पुत्र थे। इन्हीं के कुल में भगवान श्री राम का जन्म हुआ और रघुकुल की रीत चली…

पं. विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी साहित्य अलंकरण से सम्मानित किए गए प्रो.संजय द्विवेदी

भोपाल: भारतीय जन संचार संस्थान (IIMC) के पूर्व महानिदेशक प्रो.संजय द्विवेदी को पाली (राजस्थान) में आयोजित समारोह में पं.विष्णु प्रसाद चतुर्वेदी स्मृति साहित्य (Pt. Vishnu Prasad Chaturvedi Literary Award) अलंकरण…

Pauranik Katha: अर्जुन को पाशुपतास्त्र की प्राप्ति कैसे हुई

Pauranik Katha: अभिमन्यु वध से व्यथित और क्रोधित अर्जुन ने प्रतिज्ञा की कि ‘मैं कल सूर्यास्त तक अभिमन्यु की मृत्यु में कारण बने जयद्रथ का वध कर डालूँगा, नहीं तो…

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