Pauranik Katha: महादानी सूर्यपुत्र कर्ण की मृत्यु का रहस्य, श्रीकमृष्ण ने दी थी मुखग्नि

Pauranik Katha: दुशाशन को जब भीम ने मार कर उसका रक्त पिया और द्रौपदी के केश उसके खून से धुलवाए तो दुर्योधन की आँखों में खून उतर आया उसने आव…

स्त्री उत्पीड़न समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी

देश स्त्री उत्पीड़न की घटनाओं से चिंतित है। यह समाज और राज दोनों के लिए पीड़ादायी है। स्त्री उत्पीड़कों को दण्डित करने के लिए अनेक कानूनी प्रावधान हैं। कानून पालन…

मीडिया गुरु सम्मान से अलंकृत हुए पत्रकारिता के ‘संजय’

-दामोदर सिंह राजावत 29 सितंबर, 2024 का दिन पत्रकारिता और साहित्य के क्षेत्र में एक नई इबारत लिखने जा रहा है। राजस्थान के पाली मारवाड़ में आयोजित एक भव्य समारोह…

Heart Touching Story: सुहागन की बिंदी

Heart Touching Story: बाहर फेरीवाला आया हुआ था, कई तरह का सामान लेकर। बिंदिया, काँच की चूड़ियाँ, रबर बैण्ड, हेयर बैण्ड, कंघी, काँच के और भी बहुत सारे सामान थे।…

Kahani: पवित्र दान

Kahani: एक सेठ ने अन्नसत्र खोल रखा था। उनमें दान की भावना तो कम थी पर समाज उन्हें दानवीर समझकर उनकी प्रशंसा करे यह भावना मुख्य थी। उनके प्रशंसक भी…

Pitru Paksha में कागभुषंडी के रूप में कौवे को क्यों कराते हैं भोजन

Pitru Paksha: कौवे के रूप मे दिखने वाले कागभुषंडी जी प्रभु श्रीराम के बहुत बड़े भक्त थे और इन्हें यह वरदान प्राप्त था कि वो समय और टाइम के बाहर…

Pauranik Katha: अहिरावण और महिरावण से राम-लक्ष्मण को बचाने के लिए पंचमुखी बने थे हनुमान

Pauranik Katha: लंका में महा बलशाली मेघनाद के साथ बड़ा ही भीषण युद्ध चला। अंतत: मेघनाद मारा गया। रावण जो अब तक मद में चूर था राम सेना, खास तौर…

राष्ट्रीय मीडिया गुरु सम्मान से अलंकृत किए जाएंगे प्रो. संजय द्विवेदी

पाली: कल्पवृक्ष साहित्य सेवा संस्थान, पाली (राजस्थान) द्वारा शिक्षाविद् पं. विष्णुप्रसाद चतुर्वेदी स्मृति द्वितीय राष्ट्रीय व्याख्यान माला एवं साहित्यकार सम्मान समारोह आगामी 29 सितंबर को वंदेमातरम एकेडमी ,पाली में आयोजित…

Pauranik Katha: सूर्य आराधना का अद्भुत फल

Pauranik Katha: महाराज सत्राजित का भगवान भास्कर में स्वाभाविक अनुराग था। उनके नेत्र कमल तो केवल दिन में भगवान सूर्य पर टकटकी लगाये रहते हैं, किंतु सत्राजित की मनरूपी आंखें…

Prerak Prasang: समस्या रूपी बंदर

Prerak Prasang: एक बार स्वामी विवेकानंद को बंदरों का सामना करना पड़ा था। वह इस आप बीती को कई अवसरों पर बड़े चाव के साथ सुनाया करते थे। इस अनुभव…

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