नई दिल्ली। सत्ता के इशारे पर काम करने वाले अधिकारी भले खुद को निष्पक्ष न रख पाते हों, लेकिन रिटायर होने के बाद उनको इसका लाभ जरूर मिल जाता है। पश्चिम बंगाल विधानसभा चुनाव के लिए सत्तारूढ़ पार्टी टीएमसी ने आज अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर दिया। टीएमसी तीन सीटों को छोड़कर बाकी राज्य की 291 सीटों पर उम्मीदवारों की घोषणा कर दी है। टीएमसी की तरफ से जारी लिस्ट में कुछ वीवीआईपी प्रत्याशियों के भी नाम हैं। इसमें सीएम ममता बनर्जी, क्रिकेटर मनोज तिवारी और शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी के नाम शामिल हैं। इसके साथ ही पूर्व आईपीएस हुमायूं कबीर का नाम भी शामिल है, जिन्हें टीएमसी ने डेबरा सीट से पार्टी का उम्मीदवार बनाया है।

सेवानिवृत्ति से पहले दिया इस्तीफा

ज्ञात हो कि चंदननगर के पूर्व पुलिस आयुक्त हुमायूं कबीर इसी वर्ष 9 फरवरी को तृणमूल कांग्रेस में शामिल हुए थे। हुमायूं कबीर ने व्यक्तिगत कारणों का हवाला देते हुए जनवरी में अपनी सेवानिवृत्ति से तीन महीने पहले ही पद से इस्तीफा दे दिया था। वर्ष 2003-बैच के आईपीएस अधिकारी हुमायूं कबीर पूर्वी बर्दवान में एक राजनीतिक रैली के दौरान मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की उपस्थिति में टीएमसी में शामिल हो गए थे।

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बीजेपी कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार कर आए सुर्खियों में

गौरतलब है कि इससे पहले हुमायूं कबीर की पत्नी अनिंदिता दास कबीर बंगाल में सत्तारूढ़ गठन में शामिल हुई थीं। चंदननगर पुलिस आयुक्त रहते हुए हुमायूं कबीर ने बीजेपी के तीन कार्यकर्ताओं को गिरफ्तार सुर्खियों में आ गए थे। सूत्रों की मानें तो भाजपा के इन कार्यकर्ताओं ने कथित रूप से एक रैली में ‘गोली मारो’ के नारे लगाए थे। वहीं राज्य के शिक्षा मंत्री पार्थ चटर्जी को बेहाला पश्चिम सीट से प्रत्याशी घोषित किया गया है। जबकि शहरी विकास मंत्री और कोलकाता के मेयर फिरहाद हाकिम को टीएमसी ने कोलकाता पोर्ट से टिकट दिया है।

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