बस्ती: भारतीय किसान यूनियन की मण्डलीय बैठक मंगलवार को मण्डल अध्यक्ष सुभाष चन्द्र किसान की अध्यक्षता में खझौला स्थित पेट्रोल पम्प के निकट सम्पन्न हुई। बैठक को सम्बोधित करते हुये भाकियू के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष राजेश सिंह चौहान ने कहा कि केन्द्र और उत्तर प्रदेश की सरकार किसान हितों की लगातार अनदेखी कर रही है। तीन काले कृषि कानून को समाप्त कर जब तक एमएसपी की गारन्टी का कानून नहीं बनाया जाता किसानों का आन्दोलन जारी रहेगा। उन्होने आगामी 22 नवम्बर को लखनऊ के इको गार्डन में आयोजित किसान महापंचायत में शामिल होने का न्यौता देते हुये कहा कि किसान जाग चुका है और वह दमन से डरने वाला नहीं है।
भाकियू के राष्ट्रीय सचिव घनश्याम वर्मा ने कहा कि भाजपा ने किसानों की आय दो गुनी करने का सब्जबाग दिखाया था किन्तु स्थिति ये है कि डीएपी खाद के लिये किसानों को भटकना पड़ रहा है, उत्तर प्रदेश में अधिकांश धान क्रय केन्द्र बंद है, गन्ना मूल्य में नाम मात्र की वृद्धि की गई है जबकि डीजल, पेट्रोल, खाद, बिजली की बढ़ती कीमतों के कारण खेती की लागत लगातार बढ रही है। चीन मिलों पर गन्ना किसानों का अरबो रूपया बकाया है। लखनऊ के किसान पंचायत में किसानोें से जुड़े मुद्दे प्रभावी ढंग से उठाये जायेंगे।
भाकियू के प्रदेश सचिव दिवान चन्द पटेल ने कहा कि पराली जलाने के नाम पर किसानों को परेशान किया जा रहा है। कम्बाइन मशीनों के संचालकों को पुलिस परेशान कर रही है। किसानोें का चौतरफा उत्पीड़न जारी है इसे बर्दाश्त नहीं किया जायेगा।
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बैठक को भाकियू मण्डल महासचिव शोभाराम ठाकुर, प्रदेश उपाध्यक्ष अनूप चौधरी, भाकियू जिलाध्यक्ष जयराम चौधरी, संतकबीर नगर जिलाध्यक्ष पं. जर्नादन मिश्रा, सिद्धार्थनगर जिलाध्यक्ष प्रदीप पाण्डेय, मण्डल उपाध्यक्ष मार्तेन्दु प्रताप आदि ने सम्बोधित किया। मुख्य रूप से रामचन्द्र सिंह, गौरीशंकर, त्रिवेनी प्रसाद, राममहीपत, घनश्याम, राजेन्द्र, जनार्दन मिश्र रमापति चौधरी, रमेश चौधरी, रामचंद्र सिंह, नाटे बाबू, घनश्याम, जैसराम हरिप्रसाद, अभिलाख, पारसनाथ गुप्ता मनोज, राजेन्द्र राजदेव, मुन्नू चौधरी, ब्रम्हानन्द, चन्द्रप्रकाश के साथ ही भारतीय किसान यूनियन के अनेक पदाधिकारी, किसान, मजदूर शामिल रहे।
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