प्रकाश सिंह
गोंडा: नवरात्रि के प्रथम दिन से ही पूरा जिला देवी की भक्ति में सराबोर हो गया है। सभी देवी मंदिरों में सुबह से ही श्रद्धालुओं की भारी भीड़ होने लगी। नवरात्रि के मद्देनजर मंदिरों की साफ सफाई से लेकर रंग रोगन और प्रकाश व्यवस्था से सुसज्जित कर दिया गया है। गांव के बाहर व गांवों में देवी स्थलों पर श्रद्धालुओं की भारी भीड़ लगने लगी है। नवरात्रि में यह अवश्य देखा गया है कि मंदिरों में जाति-पाति का कोई भेदभाव नहीं रहता। सभी श्रद्धालु सच्चे मन और आस्था के साथ मंदिरों में पूजा-अर्चना कर रहे हैं। इस खास मौके पर आपको एक ऐसे मंदिर के बारे में बताने जा रहे है, जहां दर्शन मात्र से ही आंखों की रोशनी लौट आती है।
मान्यता है कि परिसर में मौजूद 1800 साल पुराने वटवृक्ष से निकलने वाले दूध को आंखों में डालने से नेत्रहीनों को रोशनी मिल जाती है। देश-विदेश में मिलाकर मातारानी के कुल 51 शक्तिपीठ हैं, जिसमें से यह 34वां शक्तिपीठ है। बाराही देवी या उत्तरीभवानी नाम से मशहूर यह मंदिर गोंडा से सटे बेलसर इलाके के उमरीबेगमगंज गांव में स्थित है। यह वह स्थान है, जहां मातारानी का जबड़ा गिरा था। इस चीज का प्रमाण दुर्गा सप्तशती में भी मिलता है। मंदिर के पुजारी ने बताया कि जो अंग जहां गिरा, वही पूज्य है। बाराही देवी मंदिर के पुजारी महंत राघव राम व ग्रामीणों की मानें तो पूरा मंदिर वटवृक्ष की जड़ों से घिरा है। यह वृक्ष करीब एक किमी तक फैला हुआ है। उन्होंने बताया कि यह वृक्ष करीब 1800 साल पुराना है और यह एशिया का दूसरा सबसे बड़ा वटवृक्ष है।
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आपको बता दें मंदिर में गोंडा, बस्ती, बाराबंकी, लखनऊ, प्रतापगढ़, सुल्तानपुर, रायबरेली, अमेठी जैसे यूपी के तमाम जिलों से भक्त मां के दर्शन करने आते हैं। उन्होंने आगे बताया कि यहां पूरे साल सोमवार और शुक्रवार को दर्शनार्थियों की भीड़ उमड़ती है, लेकिन नवरात्रि के दिनों में भीड़ की तादाद काफी बढ़ जाती है। खासकर नवरात्रि के अष्टमी के दिन तो यहां लाखों की संख्या में लोग पहुंचते हैं। आपको बता दें कि यहां बाराही के अलावा बारह भगवान, शनि देव, हनुमान, शंकर, बरम बाबा व अन्य मंदिर भी स्थित है जहां पर लोग जल व प्रसाद चढ़ाते हैं।
इस दौरान यहां दो-दो किमी की लंबी लाइन लगती है। दूर-दूर से लोग मां के दर्शन करने नंगे पैर ही आते हैं। मंदिर में अधिक भीड़ होने की वजह से चोरी जैसी घटनाओं को भी चोरों द्वारा काफी ज्यादा अंजाम दिया जाता है। इन्हीं सब मामलों को देखते हुए पुलिस प्रशासन नवरात्र के समय मंदिर में हमेशा तैनात रहते हैं। सुरक्षा व्यवस्था पर विशेष ध्यान देते हैं। हर तरफ से मंदिर के परिसर में सीसी टीवी कैमरे के द्वारा निगरानी की जाती है।
आपको बता दें कि यह मंदिर पहले तो बहुत छोटा था मगर लोगों की मन्नत पूरी होने के बाद लोग कुछ न कुछ सहयोग करके मंदिर बनवाते रहे और आज या मंदिर काफी दूर फैल चुका है। यह भी मशहूर है कि मंदिर में आने वाले श्रद्धालुओं की लाइन नवरात्रि के अवसर पर भोर में 3 बजे से ही लगने लगती है जो दोपहर 2 बजे तक भी खत्म होने का नाम नहीं लेती।
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