रायपुर: ‘होनहार बिरवान के होत चीकने पात’। यह कहावत प्रतिभावान लोगों पर एकदम सटीक बैठता है। व्यक्ति की प्रतिभा बचपन में ही झलक जाती है। लेकिन कुछ लोगों की प्रतिभा देखकर आपको यकीन कर पाना मुश्किल होगा। ऐसी ही एक प्रतिभावान बच्चे की जिक्र हम यहां कर रहे हैं। छत्तीसगढ़ के कोरिया जनपद के बैकुंठपुर निवासी आम अग्रहरि की।
उभरते स्वर सम्राट छत्तीसगढ़ के कोरिया जनपद के बैकुंठपुर निवासी आम अग्रहरि pic.twitter.com/liK3UnS1UQ
— raghvendra mishra (@raghvendrapress) September 4, 2021
ओम अग्रहरि की संगीत सुनने के बाद आपको यकीन कर पाना मुश्किल होगा। इसीलिए ओम अग्रहरि को कोई स्वारों का जादूगर कहता है तो कोई उनकी मधुर संगीत पर प्यार लुटाता है। संगीत के बादशाह ओम अग्रहरि ने ‘न्यूज चुस्की डॉट कॉम’ (newschuski.com) के साथ हुई खास बातचीत में अपनी कुछ व्यक्तिगत बातों को शेयर किया है।
सुरों के सम्राट ओम अग्रहरि बताते हैं कि उन्होंने 7 वर्ष की उम्र में गाना गाने की शुरुआत की है। उनसे जब सवाल किया गया कि उन्हें गाना गाने की प्रेरणा कहां से मिली, तो उन्होंने बहुत ही आश्चर्यजनक उत्तर दिया। उन्होंने कहा कि जब मैं छोटा था, तब मैं जब भी रोता था, फिर फोन पर माई मॉम गिव मी गाना और गेस व्हाट आई स्टॉप क्राईंग। तब से मुझे गाना पसंद है। पढ़ाई के बारे में वह बताते हैं कि वे कक्षा 7 के छात्र हैं। उन्हें गीत गाने में किसका सहयोग मिला के जवाब में उन्होंने बताया कि इसके लिए मेरे दादा जी, मेरी मां व पिताजी ने पूरा सहयोग दिया है। उन्होंने सहयोग के साथ साथ मेरी सभी जरूरतों को भी पूरा किया।
उभरते स्वर सम्राट छत्तीसगढ़ के कोरिया जनपद के बैकुंठपुर निवासी आम अग्रहरि pic.twitter.com/hdLd9N4DW0
— raghvendra mishra (@raghvendrapress) September 4, 2021
अब तक कितने गानों को आवाज दे चुके हैं, इसके जवाब में उन्होंने कहा कि करीब 30 से 40 गाने वह गा चुके हैं। छोटी सी उम्र में एकसाथ पढ़ाई और गीत गाना कैसे संभव हो पाता है। ओम अग्रहरि बताते हैं वह सुबह उठने के बाद रियाज करते हैं। इसके बाद उनकी 11.33 से ऑनलाइन क्लासेस शुरू हो जाती है, जो 3 बजे तक चलती है। इसके बाद वह गेम खेलते हैं। वह रात आठ बजे से अपने गाने को लेकर लाइव हो जाते हैं। खाने में उन्हें पिज्जा, बर्गर, पनीर मिर्च, पनीर की सब्जी और कई अन्य मसालेदार चीजें पसंद है।
इसे भी पढ़ें: सिद्धार्थ शुक्ला का ट्वीट वायरल
ओम अग्रहरि बताते हैं कि उनके पिता शीतल गुप्ता ने हमेशा उनके हौसले को बढ़ाने का काम किया है। जहां उन्हें थोड़ी भी दिक्कत महसूस होती है, उसका हल बनकर पिता उनके साथ खड़े मिलते हैं। ओम अग्रहरि का बड़ा होकर म्यूजिक डायरेक्टर बनने का सपना है। फिलहाल बचपन में ही उन्होंने साबित कर दिया है कि ‘पूत के पांव पालने में दिख जाते है।’
इसे भी पढ़ें: पूर्व मिस इंडिया यूनिवर्स के साथ हुआ गंदा काम