नयी दिल्ली। 45 से अधिक उम्र के कर्मचारी अब अपने कार्यस्थल पर टीका ले सकते हैं। कार्यस्थल पर टीकाकारण के लिए 11 अप्रैल से राज्यों और केंद्रशासित प्रदेशों में सेंटर शुरू किये जायेंगे। दरअसल, 45-59 साल की उम्र के लोग बड़ी संख्या में संगठित क्षेत्र में काम करते हैं, जिन्हें सरकारी या निजी क्षेत्र में सेवा या रोजगार प्राप्त है। इन लोगों को टीका लगवाने के लिए कहीं और न जाना पड़े और लाइनों में न लगना पड़े, इसके लिए केंद्र सरकार द्वारा वैक्सीनेशन सेन्टर को ही उनके कार्यस्थल में शिफ्ट कर दिया गया है। इसके साथ 15 दिन पहले ही वैक्सीनेशन सेशन का शेड्यूल बनाने की सलाह दी गयी है। ताकि जिस दिन लोगों के टीकाकरण की बारी हो उस दिन वह टीका लगवाने के लिए जरूर आएं।
स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार, साफ निर्देश दिए गए हैं कि 45 वर्ष या इससे अधिक उम्र के कर्मचारी का वैक्सीनेशन किया जाएगा। लेकिन, पात्र के अलावा कोई भी परिजन या बाहरी व्यक्ति वर्कप्लेस पर बने कोविड वैक्सीनेशन सेंटर में वैक्सीन नहीं लगवा सकेगा। जो भी टीका लगवाना चाहते हैं उन्हें पहले कोविन पोर्टल पर रेजिस्ट्रेशन करवाना होगा। कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर मौजूद नोडल अधिकारी यह सुनिश्चित करेंगे कि सभी को वैक्सीन लगवाई जाए और ऑन-द-स्पॉट रजिस्ट्रेशन की सुविधा भी एम्प्लाइज को दी जाए।
फ्री ऑफ कॉस्ट होगी वैक्सीन
सरकारी कार्यस्थलों में जो वैक्सीन डिस्ट्रिक्ट हेल्थ अथॉरिटी द्वारा लगाई जाएगी वो फ्री ऑफ कॉस्ट होगी यानि आपको उसके लिए कोई पैसे नहीं देने होंगे। वहीं जो वैक्सीनेशन प्राइवेट कोविड वैक्सीनेशन सेंटर द्वारा लगाई जाएगी उसके लिए 250 रुपये की रकम एक डोज के लिए चुकानी होगी।
क्या सभी कार्यस्थलों पर लगेगी वैक्सीन
स्वास्थ्य मंत्रालय द्वारा जारी दिशा-निर्देश के मुताबिक, वैक्सीन सेशन के लिए वर्कप्लेस पर कम से कम 100 ऐसे लोग होने चाहिए, जो वैक्सीन के लिए पात्र और इसे लगवाने के इच्छुक हों। ये पैमाना इसलिए तय किया गया है ताकि वैक्सीन बर्बाद न हो।
कहां लगेंगे ये कोविड वैक्सीनेशन सेंटर
जिला मजिस्ट्रेट, जिला टास्क फोर्स इसकी अध्यक्षता करेंगे, वहीं शहरी क्षेत्रों में टास्क फोर्स की अध्यक्षता नगर निगम आयुक्त करेंगे। वैक्सीन सेंटर खुलवाने के लिए वर्कप्लेस का मैनेजमेंट एक अधिकारी को नोडल ऑफिसर के तौर पर नियुक्त करेगा, जो प्रशासन के साथ कॉर्डिनेशन करेगा। नोडल अफसर का काम होगा कि वह किसे वैक्सीन कब लगाई जानी है, आईटी या फिजिकल इन्फ्रास्ट्रक्चर की उपलब्धता कैसी है जैसे सभी संबंधित पहलुओं की निगरानी और व्यवस्था करेंगे।
इसके साथ सभी वर्कप्लेस को कोविन प्लेटफॉर्म पर रजिस्टर किया जाएगा। वहीं वैक्सीनेशन साइटों को तीन हिस्सों में बांटा जाएगा; वेटिंग रूम, वैक्सीनेशन रूम और ऑब्जरवेशन रूम। मंत्रालय द्वारा कहा गया है कि ये रूम परमानेंट स्ट्रक्चर में होंगे, टेंट और अस्थायी सेंटर मंजूर नहीं किए जाएंगे।
वैक्सीनेशन सेंटर पर एक तरह की वैक्सीन लगाई जाएगी, या तो कोविशील्ड या फिर कोवैक्सीन। ताकि पहली और दूसरी डोज मिक्स न हो जाएं। जिन लोगों ने वैक्सीन की पहली डोज किसी और सेंटर से लगवाई है उन लोगों को वर्कप्लेस पर बनाये गए कोविड वैक्सीनेशन सेंटर पर वैक्सीन नहीं लगाई जाएगी।