Manish Kashyap: सच लिखना व बोलना शुरू से जोखिम भरा काम रहा है। सच की बात तो ही कोई करता है, लेकिन लेकिन सच बोलने और सुनने की क्षमता बहुत कम लोगों के पास होती है। शायद यही वजह है कि हर जगह झूठ सच को कड़ी टक्कर देता है। सच दिखाने की कीमत चुकानी पड़ती है। उत्तर प्रदेश में योगी सरकार (Yogi Sarkar) बनने के बाद मीड डे मील योजना के तहत बनने वाले बच्चों के भोजन की गुणवत्ता दिखाने पर पत्रकार को जेल जाना पड़ा था। नतीजा रहा योगी सरकार में सब जगह चंगा दिख रहा है, जबकि हकीकत कुछ और ही है। ऐसा ही सच दिखाने की कीमत बिहार में यूट्यूबर मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap) का चुकानी पड़ी है। सरकार और कानून से लंबे संघर्ष के बाद यूट्यूबर मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap) करीब नौ महीने बाद शनिवार को जेल से रिहा हो गए हैं। बिहार के बेउर जेल से बाहर आते ही मनीष कश्यप (Manish Kashyap) के हजारों समर्थक हौसला बढ़ाने पहुंच गए।
सत्य परेशान हो सकता है पराजीत नही
स्वागत कीजिए सन ऑफ बिहार मनीष कश्यप का
जाने माने यूट्यूबर मनीष कश्यप को सभी मामलों में मिली पटना हाई कोर्ट से जमानत pic.twitter.com/ZH774BH709
— हम लोग We The People 🇮🇳 (@ajaychauhan41) December 21, 2023
समर्थकों ने यूट्यूबर मनीष कश्यप (YouTuber Manish Kashyap) को माला पहनाया और कंधों पर बैठाकर घुमाया। इसके बाद मनीष कश्यप (Manish Kashyap) खुले जीप से रोड शो कर सभी का अभिवादन किया। नौ महीने जेल में बिताने के बाद भी मनीष कश्यप के तेवर में कोई कमी नहीं आई है और वह जेल से बाहर आते ही बिहार सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि बिहार में कंस का राज है। बता दें कि बेउर जेल में बंद यूट्यूबर मनीष कश्यप को सभी मामलों में जमानत मिल गई है। ज्ञात हो कि यूट्यूबर मनीष कश्यप को कथित फर्जी वीडियो मामले में केस दर्ज कर जेल भेज दिया गया था।
जब तक तोड़ेंगे नहीं तब तक छोड़ेंगे नहीं 🔥
दशरथ माँझी के गाँव रवाना हुआ मनीष कश्यप का काफिला #WelcomeBackManishKashyap #Manishkashyap pic.twitter.com/24647NHHwX— Avkush Singh (@AvkushSingh) December 23, 2023
गौरतलब है कि यूट्यूबर मनीष कश्यप इस साल मार्च में अपने यूट्यूब चैनल पर अपलोड किए गए एक वीडियो को फर्जी बताते हुए शिकायत दर्ज कराई गई थी। मनीष के इस वीडियो में दावा किया गया था कि तमिलनाडु में बिहार के प्रवासी श्रमिकों पर हमला किया जा रहा है और वे राज्य में सुरक्षित नहीं हैं। 21 दिसंबर को मनीष कश्यप उर्फ त्रिपुरारी कुमार तिवारी को सिविल कोर्ट से सभी मामलों में जमानत मिल गई थी। मामला सरकार से जुड़े होने के नाते कानून मनीष कश्यप पर इतनी तेजी से काम किया कि उनपर एनएसए तक लगा दिया गया था।
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