बृजेंद्र
क्या योगदान तुम्हारा है।
सर्वोच्च ज्ञान सम्पदा पूर्ण
फिर भारत क्यों हारा है।।
भारत कटता छटता रहा
हम रहे सिकुड़ कर मौन।
इसका अपराधी कौन है
सोचो! है उत्तरदायी कौन।।
भारत को भी भूल कर
हम इंडियन बने सगर्व।
अपना अतीत गौरव भूले
क्यों भुला दिया शुभ सर्व।।
उत्तर का समय आ गया
संकल्पों का है निर्णयक पल।
सब भूलों को भूल जुटें सब
विजय श्री भारत का है कल।।