Hardoi News: जैसी शिक्षा वैसा ही परिणाम। बढ़ते भ्रष्टाचार और अपराध के लिए हमारी शिक्षा व्यवस्था कम जिम्मेदार नहीं है। जिस शिक्षक का कर्तव्य होता है कि वह छात्र को शिक्षा देने के साथ सही दिशा प्रदान करे। मगर पैसों के लालच में वही शिक्षक नकल कराने से लेकर पास कराने तक अहम रोल निभा रहे हैं। ऐसे भ्रष्ट शिक्षकों के चलते शिक्षा व्यवस्था लगातार गर्त में जा रही है। मजेदार बात यह है कि उत्तर प्रदेश के अधिक्तर स्कूलों में फर्जी व अयोग्य शिक्षकों की भरमार है। उत्तर प्रदेश के अकेले हरदोई (Hardoi) जिले में बेसिक शिक्षा विभाग में फर्जी दस्तावेजों (Fake Documents) के आधार पर नौकरी पाने वाले 123 शिक्षक-शिक्षिकाएं मिली हैं। इतना ही नहीं इन शिक्षकों ने शिक्षा विभाग (Education Department) का 3 करोड़ 14 लाख 502 रुपया हड़प लिया है।
शिक्षा विभाग अभी इन शिक्षकों से वेतन के रूप में दी गई धनराशि की वसूली नहीं कर पाया है। हालांकि अब शिक्षा विभाग इस मामले को लेकर सख्त कदम उठाने जा रहा है। शिक्षा महानिदेशक ने सभी फर्जी शिक्षकों से वसूली करने के निर्देश दिए हैं। इसको लेकर कार्रवाई भी शुरू हो गई है, इससे जालसाज शिक्षकों में हड़कंप मच गया है। गौरतलब है कि बेसिक शिक्षा विभाग में विभिन्न भर्तियों में फर्जी प्रमाण पत्र के आधार पर नियुक्तियां हुई थी। मामले के संज्ञान में आने पर जब इसकी जांच हुई तो अकेले हरदोई जिले में 124 फर्जी शिक्षक पाए गए, जिनमें से 123 के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराते हुए सभी की सेवाएं समाप्त कर दी गई।
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फर्जीवाड़े के दौरान इन फर्जी शिक्षकों ने 2 साल तक शिक्षा विभाग से वेतन उठाते रहे। हरदोई बीएसए डॉ. विनीता ने बताया वेतन के रूप में इन शिक्षकों ने तीन करोड़ 14 लाख 502 रुपये ले चुके हैं। इन फर्जी शिक्षकों से वसूली नहीं हो पाई है, मगर अब महानिदेशक शिक्षा ने सभी से वसूली करने के निर्देश दिए हैं।
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