कोलकाता। पश्चिम बंगाल विधान सभा चुनाव (West Bengal Assembly Elections) के बाद जारी राजनीतिक हिंसा पर बीजेपी पार्टी नेताओं की सुरक्षा के लिए अलर्ट हो गई है। हालांकि चुनाव नतीजे आने के बाद टीएमसी समर्थकों की तरफ से लगातार बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले किए जा रहे हैं। आलम यह है कि ​कई हिंदू परिवार असम में जाकर शरणार्थी बन गए हैं। ऐसे में केंद्र सरकार ने नंदीग्राम विधानसभा सीट से सीएम ममता बनर्जी (Mamata Banerjee) को हराने वाले शुवेंदु अधिकारी (Suvendu Adhikari) के भाई और पिता को Y+ श्रेणी की सुरक्षा दे दी है।

पश्चिम बंगाल में बीजेी नेताओं पर हो रहे लगातार हमलों के मद्देनजर गृह मंत्रालय ने लोक सभा सांसद शिशिर कुमार अधिकारी और दिव्येंदु अधिकारी को Y+ श्रेणी की सुरक्षा प्रदान कर दी है। दोनों लोगों की सुरक्षा की जिम्मेदार अब केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल (Central Reserve Police Force) को मिल गई है।

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बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हुए हमले

बताते चलें कि विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद पश्चिम बंगाल में हिंसा की बाढ़ सी आ गई थी। इस दौरान कई जगहों बीजेपी कार्यकर्ताओं पर हमले हुए, इन हमलों का आरोप सत्तारूढ़ पार्टी तृणमूल कांग्रेस (TMC) पर लगा था। वहीं हमला बोलने वालों पर कोई कड़ी कार्रवाई न होने के चलते बाकी बीजेपी कार्यकर्ता खुद को असुरक्षित महसूस कर रहे हैं। जानकारों की मानें तो पश्चिम बंगाल में बीजेपी कार्यकर्ता व हिंदुत्ववादी चेहरों वालों का जीना दूभर हो गया है।

गौरतलब है कि गत 19 मई को एडवोकेट घनश्याम उपाध्याय ने सुप्रीम कोर्ट में याचिका कर पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव के बाद बीजेपी के कार्यकर्ताओं की हत्या की जांच स्पेशल इन्वेस्टिगेशन टीम (SIT) से करवाने की मांग की। उन्होंने याचिका में कहा है कि राज्य में विधानसभा चुनाव संपन्न होने के बाद बीजेपी के 16 कार्यकर्ताओं की बेरहमी से हत्या कर दी गई है। ज्ञात हो कि बीजेपी ने इन हमलों का आरोप टीएमसी के कार्यकर्ताओं पर लगाया है। वहीं सुप्रीम कोर्ट याचिका दाखिल करने वाले एडवोकेट ने मांग की है कि पश्चिम बंगाल के हालात को देखते हुए आर्टिकल 356 में तहत राज्य में राष्ट्रपति शासन लगाने के लिए केंद्र सरकार को आदेश दे।

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