नयी दिल्ली। चुनाव आयोग ने पश्चिम बंगाल, असम, तमिलनाडु समेत 5 राज्यों में चुनाव की तारीखों का ऐलान कर दिया है। 294 विधानसभा सीटों वाले पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में मतदान कराया जाना है। वहीं असम में तीन चरणों में वोटिंग होगी। इसके अलावा तमिलनाडु, केरल और पुडुचेरी में एक ही चरण में 6 अप्रैल को मतदान होगा। सभी राज्यों के विधानसभा चुनाव के नतीजे एक साथ ही 2 मई को घोषित किए जाएंगे। पश्चिम बंगाल में 8 चरणों में वोटिंग होनी है। चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल को ध्यान में रखते हुए 8 चरणों में वोटिंग कराने का फैसला लिया गया है।

पश्चिम बंगाल

पश्चिम बंगाल में 27 मार्च से 29 अप्रैल के बीच आठ चरणों में विधानसभा चुनाव होंगे और वोटों की गिनती बाकी चार राज्यों के साथ ही 2 मई को होगी। पहले चरण का मतदान 27 मार्च को, दूसरे चरण का एक अप्रैल को, तीसरे चरण का 6 अप्रैल को, चौथे चरण का 10 अप्रैल को, पांचवें चरण का 17 अप्रैल को, छठे चरण का 22 अप्रैल को, सातवें चरण का 26 अप्रैल को और अंतिम चरण का मतदान 29 अप्रैल को होगा। 2016 में छह चरणों में 4 अप्रैल से 5 मई के बीच पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव हुए थे।

असम

असम में पहले चरण का मतदान 27 मार्च को होगा। दूसरे चरण का मतदान एक अप्रैल को होगा। तीसर चरण की वोटिंग 6 अप्रैल को होगी। 2 मई को चुनाव के नतीजे आ जाएंगे।

केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी

केरल, तमिलनाडु और पुडुचेरी में एक साथ 6 अप्रैल को ही वोटिंग कराई जाएगी। तमिलनाडु की सभी 234 सीटों पर 6 अप्रैल को मतदान होना है। इसके साथ ही पुडुचेरी में भी वोटिंग हो जाएगी। पड़ोसी राज्य केरल में भी 6 तारीख को ही वोटिंग होगी।

मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने बताया कि 80 साल से ज्यादा उम्र के लोगों, विकलांग लोगों, जरूरी सेवाओं में लगे जिन लोगों की स्थानीय चुनाव अधिकारी पहचान करेंगे, वे पोस्ट बैलट से मतदान कर सकेंगे। सभी चुनाव अधिकारियों का कोरोना वैक्सीनेशन होगा। वोट डालने का समय 1 घंटा ज्यादा होगा। अरोड़ा के मुताबिक 5 राज्यों में 824 विधानसभा सीटें हैं। इनके लिए इस बार 18.68 करोड़ वोटर हैं और 2.7 लाख मतदान केंद्र होंगे।

अरोड़ा ने कहा, ‘पिछले साल जब पूरी दुनिया कोरोना से जूझ रही थी, तब दुनियाभर के चुनाव आयोगों के सामने चुनाव कराना चुनौती थी। कई देशों ने ऐसे हालात में भी हिम्मत दिखाई और कुछ बदलाव और एहतियात बरतते हुए चुनाव कराए। चुनाव आयोग ने राज्यसभा की 18 सीटों पर जून 2020 में चुनाव कराकर शुरुआत की। हमारे लिए बड़ी चुनौती बिहार थी। वहां 7.3 करोड़ वोटर थे। यह हमारे लिए अग्निपरीक्षा थी।’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने कहा, ‘मुझे यह बताते हुए खुशी है कि बिहार के वोटरों ने भी भरोसा दिखाया और चुनाव प्रक्रिया में हिस्सा लिया। बिहार में कई अधिकारियों को कोरोना था, इसके बावजूद वे चुनाव तैयारियों को देखते रहे। आपको जानकर खुशी होगी कि बिहार में वोटिंग में 57.3% वोटिंग हुई जो पिछले विधानसभा चुनाव और 2019 के लोकसभा चुनाव से भी ज्यादा थी।’

मुख्य चुनाव आयुक्त ने बताया कि असम विधानसभा चुनाव का कार्यकाल 31 मई तक है। इसी तरह तमिलनाडु विधानसभा का 24 मई, बंगाल का 30 मई, केरल का 1 जून और पुडुचेरी का 8 जून तक का कार्यकाल है। बतौर चुनाव आयुक्त 11 चुनाव और बतौर मुख्य चुनाव आयुक्त 14 चुनाव देख चुके अरोड़ा 30 अप्रैल को रिटायर हो रहे हैं। उन्होंने एक शेर भी पढ़ा- किसी से हमसुखन होता नहीं महफिल में परवाना, उन्हें बातें नहीं आती, जो अपना काम करते हैं।

घर-घर प्रचार के लिए जाएंगे सिर्फ 5 लोग

चुनाव प्रचार के लिए भी गाइडलाइंस जारी करते हुए आयोग ने कहा है कि उम्मीदवार समेत 5 लोगों को घर-घर जाने की इजाजत होगी। यही नहीं नामांकन दाखिल करने के लिए भी कैंडिडेट के साथ सिर्फ दो अन्य लोग जा सकेंगे। रिटर्निंग ऑफिसर के दफ्तर में सिर्फ दो वाहन ले जाने की ही अनुमति होगी। चुनाव आयुक्त ने कहा कि परीक्षाओं और त्योहारों के दिन मतदान नहीं कराया जाएगा। सभी त्योहारों का ख्याल रखा गया है।

ऑनलाइन हो सकेगा नामांकन

उम्मीदवारों को बड़ी सुविधा देते हुए चुनाव आयोग ने ऑनलाइन नामांकन कराने का ऐलान किया है। सिक्योरिटी मनी भी ऑनलाइन ही जमा की जाएगी। बंगाल, असम समेत 5 राज्यों के चुनाव में मतदान का समय एक घंटा ज्यादा होगा। सभी मतदान केंद्र गाउंड फ्लोर पर ही स्थित होंगे। पश्चिम बंगाल समेत सभी राज्यों में सीआरपीएफ की तैनाती की जाएगी। सीसीटीवी कैमरों की निगरानी में मतदान कराया जाएगा।

824 सीटों पर 18 करोड़ लोग डालेंगे वोट

4 राज्यों और 1 केंद्र शासित प्रदेश की कुल 824 सीटों पर मतदान होगा। 18.6 करोड़ से ज्यादा मतदाता इन राज्यों में अपने मताधिकार का इस्तेमाल करेंगे। चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि कोरोना से बचाव के लिए सभी राज्यों में मतदान केंद्रों की संख्या में इजाफा किया गया है। 5 राज्यों के कुल 2.7 लाख मतदान केंद्रों पर वोटिंग होगी। पश्चिम बंगाल 1 लाख से ज्यादा मतदान केंद्र बनाए जाएंगे।

चुनाव अधिकारियों का होगा वैक्सीनेशन

ड्यूटी में तैनात सभी चुनाव अधिकारियों का टीकाकरण किया जाएगा। मुख्य चुनाव आयुक्त सुनील अरोड़ा ने कहा कि चुनाव से पहले राज्यों के सभी चुनाव अधिकारियों का वैक्सीनेशन किया जाएगा। उसके बाद दिल्ली मुख्यालय में मौजूद लोगों का वैक्सीनेशन होगा। मुख्यालय में भी वैक्सीनेशन की शुरुआत जूनियर कर्मचारियों से की जाएगी।

पांचों राज्यों में पोलिंग बूथ बढ़ाए गए

अरोड़ा ने बताया कि असम में 2016 में 24,890 चुनाव केंद्र थे, इस बार 33,530 बूथ होंगे। तमिलनाडु में 2016 में 66,007 चुनाव केंद्र थे, 2021 में 88,936 होंगे। केरल में पहले 21,498 चुनाव केंद्र थे, अब 40,771 होंगे। पश्चिम बंगाल में 2016 में 77,413 पोलिंग बूथ थे, इस बार 1 लाख 1 हजार 916 होंगे।

Spread the news