वॉशिंगटन: कोरोनावायरस के कहर का मंजर भारत के साथ पूरी दुनिया देख चुकी है। बावजूद इसके कुछ लोग इस महामारी को लेकर अभी भी गुमराह हैं और लोगों को कर भी रहे हैं। कोरोनावायरस को लेकर भारत में जबरदस्त राजनीति हुई, लेकिन जब इस पर राजनीति करने वालों ने टीका लगवा लिया तो उनके समर्थकों को भी टीकाकरण का महत्व समझ में आ गया। वहीं अब इस बात पर अब जोर दिया जाने लगा है कि कोरोना की वैक्सीन न लगवाने वालों पर कार्रवाई की जाए। ऐसे में अमेरिका दुनिया का वह देश बन गया है, जिसने वैक्सीन न लगवाने वाले 27 वायु सैनिकों को नौकरी से निकाल दिया है। इसे दुनिया का पहला मामला माना जा रहा है, जिसमें टीका न लगवाने पर इतनी बड़ी कार्रवाई हुई है।
बताया जा रहा है कि इन सैनिकों ने टीका लगवाने से मना कर दिया था। मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक, अमेरिकी वायुसेना ने 2 नवंबर को सैनिकों के लिए कोरोना रोधी टीका लगवाने का समय तय किया था। खबर है कि यहां बड़ी संख्या में सैनिकों ने टीका लगवाने से इनकार कर दिया है या फिर इससे छूट की मांग की है। अमेरिकी वायुसेना की प्रवक्ता एन. स्टेफनेक ने बताया कि टीका से जुड़े कारणों से इन सभी वायु सैनिका को हटाया गया है। उधर रक्षा मंत्री लॉयड आस्टिन का कहना है कि सुरक्षा बलों के स्वास्थ्य और राष्ट्रीय सुरक्षा संकट से निपटने के लिए टीकाकरण बहुत जरूरी है।
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एन. स्टेफनेक ने बताया कि सभी वायु सैनिकों को टीका नहीं लगवाने का कारण बताने का मौका दिया गया था, इस संदर्भ में किसी ने अपना स्पष्टीकरण नहीं प्रस्तुत किया। जानकारी के अनुसार अमेरिका के 97 फीसदी सैनिकों ने टीका लगवा लिया है। जबकि विभिन्न बलों में तैनात 79 अमेरिकी सैनिकों की कोरोना संक्रमण के चलते मौत हो चुकी है। वहीें कैलिफोर्निया प्रांत में कोरोना वायरस के नए वेरिंएट ओमिक्रॉन के बढ़ते मामलों को देखते हुए मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया गया है।
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