लखनऊ: कोरोना की दो लहरों से जूझ रहा देश तीसरी लहर की सुगबुगुहट से परेशान है। इस विषय में वैज्ञानिक से लेकर देश-विदेश के बड़े शोधकर्ता और चिकित्सक संशय की स्थिति में हैं। एक वर्ग का मानना है कि तीसरी लहर आएगी जबकि दूसरा वर्ग मानता है कि ये आशंका निर्मूल साबित होगी। यह निष्कर्ष पिछले चार चरणों की चर्चा से निकलकर आया है। केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. वेद प्रकाश ने कहा कि कोरोना का विस्तारित टीकाकरण तो आवश्यक है ही उसके पहले दवाओं का पहुंचना बहुत जरूरी है, जिसकी व्यवस्था मुख्यमंत्री ने कर दी है। प्रदेश सरकार सप्ताह भर के भीतर 17 लाख लोगों को दवाएं वितरित करा देगी। बता दें कि डॉ. वेद प्रकाश सरकार द्वारा कोरोना के लिए गठित सलाहकार समिति में सदस्य भी हैं।
केजीएमयू के चिकित्सक डॉ. वेद प्रकाश मंगलवार को सरस्वती कुंज निरालानगर स्थित प्रो. राजेन्द्र सिंह रज्जू भैया डिजिटल सूचना संवाद केंद्र में आयोजित ‘बच्चे हैं अनमोल’ अभियान कार्यक्रम में बतौर मुख्य वक्ता बोल रहे थे। उन्होंने कहा कि कोरोना की पहली लहर की तुलना में दूसरी लहर ज्यादा घातक साबित हुई, इसमें संक्रमण फैलने की दर 30 फीसदी ज्यादा थी। यदि हम कोरोना प्रोटोकाल का पूरी तरह से पालन करते हैं और टीका लगवाते हैं तो तीसरी लहर को रोका जा सकता है।
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उन्होंने कहा कि समाज में जागरूकता से हम इस लहर का असर कम करने में सफल होंगे। कोरोना की दूसरी लहर में बच्चे भी काफी प्रभावित हुए, लेकिन वह जल्द ही स्वस्थ हो गए। हालांकि हमें, अभिभावकों को अपने बच्चों की सुरक्षा के लिये जागरूक रहना पड़ेगा। उन्होंने कहा कि समय-समय अपने हाथ और पैर धोते रहें। जब भी घर से बाहर जाएं तो वापस आने पर घर में प्रवेश करने से पहले साबुन या हैंडवॉश से अच्छी तरह अपने हाथ-पैर जरूर धोएं। इससे वायरस के खिलाफ सुरक्षा मिलती है।
विशिष्ट वक्ता लखनऊ के डीसीपी उत्तरी देवेश पाण्डेय ने कहा कि कोरोना लॉकडाउन के प्रतिबंधों में राहत दी गई है, लेकिन इसका मतलब यह नहीं है कि मास्क का इस्तेमाल बंद कर दिया जाए। सार्वजनिक स्थानों पर जाएं तो मास्क का उपयोग जरूर करें। उन्होंने कहा कि प्रतिबंध हटते ही भीड़ उमड़ पड़ती है, ऐसा बिल्कुल न करें। उन्होंने अभिभावकों से अपील करते हुए कहा कि अपनी जिम्मेदारी निभाएं और कोरोना के मानकों को अपनी दिनचर्या का हिस्सा बनाएं। कार्यक्रम अध्यक्ष विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के बालिका शिक्षा प्रमुख उमाशंकर मिश्रा ने कोरोना काल में विद्या भारती, आरोग्य भारती की ओर से किये जा रहे प्रयासों के बारे में बताया।
उन्होंने कहा कि इस संकट के समय में जब स्कूल बंद हैं तो अभिभावकों की और ज्यादा जिम्मेदारी बढ़ जाती है। अभिभावक अपने बच्चों को कोविड प्रोटोकाल के बारे में बताएं और उनके मन को तैयार करें। उन्होंने कहा कि यदि मन ठीक है तो रोग कुछ भी नहीं कर सकता है। बच्चों को योग, प्राणायाम कराएं, जिससे उनकी इम्युनिटी और मजबूत हो सके। कार्यक्रम का संचालन विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के प्रचार प्रमुख सौरभ मिश्रा ने किया। इस कार्यक्रम में विद्या भारती पूर्वी उत्तर प्रदेश के सह प्रचार प्रमुख भास्कर दूबे, शुभम सिंह सहित कई पदाधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे।
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