लखनऊ। बजट 2021 के जरिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी नये बदलाव की इबारत लिखने का प्रयास किया है। योगी सरकार के वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने आज 5,50,270 करोड़ रुपए का बजट पेश किया है। उत्तर प्रदेश के इतिहास का यह अब तक का सबसे बड़ा बजट है। वहीं यूपी सरकार के इस बजट युवाओं, किसानों व महिलाओं पर विशेष ध्यान दिया गया है। इसकी एक खासियत यह भी है इस बार यूपी बजट पूरी तरह से ‘पेपरलेस’ है। यह बजट ‘उत्तर प्रदेश सरकार का बजट’ ऐप पर उपलब्ध है, जिसे कोई भी गूगल प्ले स्टोर से डाउनलोड कर सकता है।
वित्त मंत्री सुरेश खन्ना ने बजट पेश करते हुए कहा कि 5 लाख 50 हजार 270 करोड़ 78 लाख रुपए के आकार का यह बजट वित्तीय वर्ष 2021-22 बजट उत्तर प्रदेश का समग्र विकास को सुनिश्चित करने और राज्य की अर्थव्यवस्था को 1 ट्रिलियन डॉलर इकोनॉमी बनाने की दिशा में एक बड़ा कदम साबित होगा।
किसानों पर विशेष जोर
बजट में किसानों का विशेष ख्याल रखा गया है। मुख्यमंत्री कृषक दुर्घटना कल्याण योजना के तहत 600 करोड़ रुपए का बजट निर्धारित किया गया है। साथ ही प्रदेश में अधिक उत्पादक वाली फसलों को चिन्हित किए जाने की भी योजना है। ब्लॉक स्तर पर कृषक उत्पादन संगठनों की स्थापना की जाएगी, जिसके लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाएंगे। वहीं किसानों को मुफ्त पानी उपलब्ध कराने के लिए 700 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। इतना ही नहीं किसानों को रियायती दाम पर लोन भी उपलब्ध कराया जाएगा।
महिला शक्ति केंद्रों के लिए खर्च होंगे 32 करोड़
महिलाओं और बालिकाओं की सुरक्षा को भी प्राथमिकता दी गई है। महिला शक्ति केंद्रों की स्थापना के लिए 32 करोड़ रुपए का आवंटन किया गया है। बता दें कि महिला और बालिकाओं के खिलाफ बढ़ते अपराधों पर अंकुश लगाने के लिए यूपी पुलिस की तरफ से 1 नवंबर से 30 नवंबर, 2020 तक विशेष अभियान मिशन शक्ति चलाया गया। इसके उत्साहवर्धक परिणाम देखने का मिले है। इसी के तहत सभी तहसीलों में महिला हेल्प डेस्क की स्थापना कराई जाएगी।
युवाओं और छात्रों पर भी फोकस
बजट में प्रदेश के युवाओं और छात्रों का भी विशेष ख्याल रखा गया है। राज्य के युवाओं को निशुल्क कोचिंग के लिए अभ्युदय योजना शुरू की जाएगी। योजना के तहत पात्रता के आधार पर छात्र और छात्राओं को टैबलेट दिए जाएंगे, जिससे छात्र डिजिटल लर्निंग के जरिए प्रतियोगी परीक्षा की तैयारी कर सकें। संस्कृति विद्यालयों को राहत देते हुए यहां पढ़ने वाले गरीब छात्रों को गुरुकुल पद्धति के मुताबिक निशुल्क छात्रावास और भोजन दिया जाएगा। जबकि प्रदेश के 12 जनपदों में मॉडल कॅरियर सेंटर स्थापित कराए जाएंगे।
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उत्तर प्रदेश कौशल विकास की तरफ से 4 वर्षों में 7 लाख युवाओं को प्रशिक्षित किया गया है तथा 3 लाख से ज्यादा युवाओं को रोजगार से जोड़ा गया है। ग्रामीण स्टेडियम और ओपन जिम के निर्माण 25 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है, इसी क्रम में मेरठ में स्पोर्ट्स यूनिवर्सटी के लिए 20 करोड़ रुपए की व्यवस्था प्रस्तावित है। साथ ही पंजीकृत निर्माण श्रमिकों के बच्चों के लिए अटल आवासीय विद्यालय की स्थापना का एलान किया गया है। इसमें कक्षा 6 से 12 तक के छात्रों को निशुल्क शिक्षा दी जाएगी। योजना के लिए 270 करोड़ रुपए आवंटित किए गए हैं।
श्रामिकों को रोजगार से जोड़ने के लिए बनेगी योजना
अमेठी और बलरामपुर में मेडिकल कॉलेज के लिए 175 करोड़ रुपए की व्यवस्था की गई है। साथ ही प्रदेश के श्रमिकों को रोजगार और स्वरोजगार उपलब्ध कराने के लिए मुख्यमंत्री प्रवासी श्रमिक उद्यमता विकास योजना लाई जा रही है। इस योजना के लिए 100 करोड़ रुपए प्रस्तावित है। इतना ही नहीं पल्लेदारों, श्रमिक परिवारों और असंगठित क्षेत्र के कामगारों को सामाजिक सुरक्षा के लिए मुख्यमंत्री दुर्घटना बीमा योजना शुरू की जाएगी। इस योजना के लिए 12 करोड़ रुपए की धनराशि प्रस्तावित है। जबकि मुख्यमंत्री जनआरोग्य योजना के लिए 100 करोड़ रुपए खर्च किए जाने की योजना है।
अयोध्या के लिए 140 करोड़ रुपए
बजट में सरकार ने धर्मनगरी अयोध्या के विकास पर भी विशेष ध्यान दिया है। अयोध्या के विकास के लिए 140 करोड़ रुपए का बजट प्रस्तावित है। अयोध्या एयरपोर्ट का नाम मर्यादा पुरुषोत्तम राम के नाम पर रखने की भी योजना है। जबकि लखनऊ में राष्ट्रीय प्रेरणा स्थल के निर्माण पर 50 करोड़ रुपए खर्च करने की योजना है।
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