गोंडा: सच ही कहा गया है कि पैसा बोलता है। राजनीति में नीति-नैतिकता की बातें तो खूब होती हैं, लेकिन सच में देखा जाए तो ये बातें केवल कहने के लिए होती हैं। कार्यकर्ता और पदाधिकारी केवल पार्टी का प्रचार-प्रसार करने के लिए होते हैं। असल मलाई तो पैसे वाले काटते हैं। यही वजह है कि वर्षों से चुनाव लड़ने की तैयारी में लगे नेताओं का टिकट कट जाता है, और जिन लोगों को पार्टी में आए कुछ समय हुआ होता है, उन्हें उन्हें प्रत्याशी घोषित कर दिया जाता है। गोंडा जनपद के करनैलगंज सीट से बीजेपी के टिकट से चुनाव लड़ रहे बीजेपी प्रत्याशी अजय कुमार सिंह के बारे में क्षेत्र में कुछ इसी तरह की चर्चाएं हो रही हैं। बता दें कि इस सीट पर बीजेपी विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भइया का टिकट काट कर भाजपा ने इस बार अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाया है।
अजय कुमार सिंह को प्रत्याशी बनाए जाने के बाद जहां उनके समर्थकों में उमंग है, वहीं बीजेपी नेताओं और कार्यकर्ताओं में आक्रोश साफ देखा जा रहा है। बीजेपी विधायक अजय प्रताप सिंह उर्फ लल्ला भइया ने टिकट कटने पर इतने नाराज हुए कि उन्होंने सपा प्रत्याशी का खुलकर समर्थन करने की बात कह डाली। हालांकि तबीयत खराब होने की वजह से लल्ला भइया अभी अस्पताल में हैं। वहीं सपा लहर के बीच बीजेपी प्रत्याशी अजय कुमार सिंह अब अकेले पड़ते नजर आ रहे हैं। लोगों में यह चर्चा आम होती जा रही है कि पैसे की बदौलत टिकट तो हासिल कर लिया, लेकिन क्या जीत हासिल कर पाएंगे। लल्ला भइया के समर्थक और बीजेपी के नाराज कार्यकर्ता और नेता अपने ही प्रत्याशी अजय कुमार सिंह को हराने में जुट गए हैं।
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वहीं चर्चा यह भी है कि टिकट मिलने की वजह से अजय कुमार सिंह का भी गुरुर अपने चरम पर है। उन्हें यह लग रहा है कि भाजपा लहर में उनकी नैया पार हो जाएगी। यही वजह है कि वह अपने लोगों को मनाने की जगह उनसे बात करना भी मुनासिब नहीं समझ रहे हैं। पार्टी से जुड़े कुछ कार्यकर्ताओं ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि क्षेत्र में अजय कुमार सिंह का अपना कोई जनाधार नहीं है। पैसों की बदौलत कुछ लोगों की भीड़ से उन्हें लग रहा है कि वह चुनाव जीत जाएंगे, जो संभव नहीं है। अजय कुमार सिंह भाजपा के ऐसे प्रत्याशी हैं, जो मंच से न तो भाषण दे सकते हैं और न जनता के बीच बोल सकते हैं। इन लोगों का कहना है कि कुछ लोग अजय कुमार सिंह को चुनाव जीता रहे है, 10 मार्च को कौन जीत रहा है, इसका भी पता चल जाएगा। लोगों को कहना है कि अजय कुमार सिंह का बीजेपी में योगदान क्या है? किस आधार पर उन्हें टिकट दिया गया है? पार्टी में टिकट देने का पैमाना क्या है? जो लोग वर्षों से पूरी निष्ठा के साथ पार्टी के लिए काम कर रहे हैं, क्या उन्हें टिकट नहीं दिया जाना चाहिए?
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