Kavita: मर्द रोते नहीं हैं
दादी के इंतक़ाल के बाद जब, रो रही थीं घर की औरतें, और नहीं रोक पाया था मैं भी ख़ुद को, ग़मगीन दादा तब भी यही बोले थे, मर्द बच्चे…
दादी के इंतक़ाल के बाद जब, रो रही थीं घर की औरतें, और नहीं रोक पाया था मैं भी ख़ुद को, ग़मगीन दादा तब भी यही बोले थे, मर्द बच्चे…
आंधिया चाहे उठाओ, बिजलियां चाहे गिराओ, जल गया है दीप तो, अंधियार ढलकर ही रहेगा। रोशनी पूंजी नहीं है, जो तिजोरी में समाए, वह खिलौना भी न, जिसका दाम हर…
सच्चा समाजवाद एक अंधा, एक लंगड़ा, दोनों ने एक-दूसरे को पकड़ा। दोनों साथ-साथ चलने लगे, एक-दूसरे पर मरने लगे। बातों के बताशे फोड़ने लगे, राष्ट्रवाद का गला मरोड़ने लगे। उनमें…
वो खिलाड़ियों का मनोबल बढ़ाये तो तकलीफ वो सैनिकों का हौंसला बढ़ाये तो तकलीफ। इतनी क्यों जलती है तुम्हारी तशरीफ? वो देश का मान बढ़ाये तो तकलीफ वो देश को…