Kahani: परहित का चिंतन

Kahani: एक राजा था, जिसे शिल्प कलाअत्यंत प्रिय थी। वह मूर्तियों की खोज में देश-परदेश जाया करते थे। इस प्रकार राजा ने कई मूर्तियां अपने राज महल में लाकर रखी…

Kahani: भगवान का दंड

Kahani: गया के आकाशगंगा पहाड़ पर एक परमहंस जी वास करते थे। एक दिन परमहंस जी के शिष्य ने एकादशी के दिन निर्जला उपवास करके द्वादशी के दिन प्रातः उठकर…

Kahani: आठ दिव्य बालक

Kahani: हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक बच्चों के बारे में बताया गया है, जिन्होंने कम उम्र में ही कुछ ऐसे काम किए, जिन्हें करना किसी के वश में नहीं…

Kahani: शिव का डमरू

Kahani: एक बार की बात है, देवताओं के राजा इंद्र ने किसानों से किसी कारण से नाराज होकर बारह वर्षों तक बारिश न करने का निर्णय लेकर किसानों से कहा,…

Kahani: विधि का विधान

Kahani: श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे, फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुवा, नही राज्याभिषेक। और जब मुनि वशिष्ठ से इसका…

Kahani: नीच और ऊंच की पहचान

Kahani: महाराजा विक्रमादित्य प्रायः अपने देश की आंतरिक दशा जानने के लिए वेश बदलकर पैदल घूमने जाया करते थे। एक दिन घूमते घूमते एक नगर में पहुंचे। वहां का रास्ता…

Kahani: भरत के नाम पर पड़ा देश का नाम भारत

Kahani: भरत ऋषि ऋषभदेव के पुत्र थे। इनके नाम से ही “आर्यावर्त” का नाम “भारत” पड़ा। इन्होंने शासन करने के बाद अपना राजपाट पुत्रों को सौंपकर वानप्रस्थ आश्रम ग्रहण किया…

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