Prerak Prasang: समाज में कभी एकरूपता नहीं आ सकती!

Prerak Prasang: एक बार एक शिव भक्त धनिक शिवालय जाता है। पैरों में महँगे और नये जूते होने पर सोचता है कि क्या करूँ? यदि बाहर उतार कर जाता हूँ,…

Kahani: परहित का चिंतन

Kahani: एक राजा था, जिसे शिल्प कलाअत्यंत प्रिय थी। वह मूर्तियों की खोज में देश-परदेश जाया करते थे। इस प्रकार राजा ने कई मूर्तियां अपने राज महल में लाकर रखी…

Kahani: भगवान का दंड

Kahani: गया के आकाशगंगा पहाड़ पर एक परमहंस जी वास करते थे। एक दिन परमहंस जी के शिष्य ने एकादशी के दिन निर्जला उपवास करके द्वादशी के दिन प्रातः उठकर…

Kahani: आठ दिव्य बालक

Kahani: हमारे धर्म ग्रंथों में ऐसे अनेक बच्चों के बारे में बताया गया है, जिन्होंने कम उम्र में ही कुछ ऐसे काम किए, जिन्हें करना किसी के वश में नहीं…

Kahani: शिव का डमरू

Kahani: एक बार की बात है, देवताओं के राजा इंद्र ने किसानों से किसी कारण से नाराज होकर बारह वर्षों तक बारिश न करने का निर्णय लेकर किसानों से कहा,…

Kahani: विधि का विधान

Kahani: श्री राम का विवाह और राज्याभिषेक, दोनों शुभ मुहूर्त देख कर किए गए थे, फिर भी न वैवाहिक जीवन सफल हुवा, नही राज्याभिषेक। और जब मुनि वशिष्ठ से इसका…

Kahani: नीच और ऊंच की पहचान

Kahani: महाराजा विक्रमादित्य प्रायः अपने देश की आंतरिक दशा जानने के लिए वेश बदलकर पैदल घूमने जाया करते थे। एक दिन घूमते घूमते एक नगर में पहुंचे। वहां का रास्ता…

Other Story