Kahani: अपने हिस्से का भाग्य
Kahani: एक व्यक्ति एक सेठ की दुकान पर नौकरी करता था। वह बहुत निष्ठा और कर्मठता से अपना काम करता था। उसके काम से सेठ बहुत प्रसन्न था और सेठ…
Kahani: एक व्यक्ति एक सेठ की दुकान पर नौकरी करता था। वह बहुत निष्ठा और कर्मठता से अपना काम करता था। उसके काम से सेठ बहुत प्रसन्न था और सेठ…
Kahani: एक गरीब ब्राह्मण अपने खेत में बहुत मेहनत करता था। एक दिन वह थककर एक पेड़ के नीचे आराम कर रहा था तभी उसे एक बिल के अंदर से…
Kahani: एक बार एक किसान जंगल में लकड़ी बीनने गया तो उसने एक अद्भुत घटना देखी। एक लोमड़ी के दो पैर नहीं थे, फिर भी वह खुशी खुशी घसीट कर…
Kahani: एक सेठ था। वह बर्तनों को किराये पर देता था और उनसे कमाई करता था। एक बार किसी को किराये पर बर्तन दिये। वह व्यक्ति उससे बर्तन ले गया…
Kahani: एक गरीब व्यक्ति था। वह प्रतिदिन समीप के मंदिर में जाकर वहां साफ-सफाई करता और फिर अपने काम पर चला जाता था। अक्सर वो अपने प्रभू से कहता कि…
Kahani: एक बार एक जिज्ञासु व्यक्ति ने एक संत से प्रश्न किया, महाराज, रंग रूप, बनावट प्रकृति में एक जैसे होते हुए भी कुछ लोग अत्यधिक उन्नति करते हैं। जबकि…
Kahani: एक राजा का दरबार लगा हुआ था। क्योंकि सर्दी का दिन था इसलिये राजा का दरबार खुले में लगा हुआ था। पूरी आम सभा सुबह की धूप में बैठी…
Kahani: एक बार की बात है। एक लोमड़ी और खरगोश दोस्त थे। वह साथ में ही खेलते, खाते और रहते। जंगल में एक बार एक बाघ आया और उसने खरगोश…
Kahani: एक बार की बात है। एक शेर भूखा प्यासा इधर उधर भटक रहा था। चलते चलते वो एक छोटी गुफा के पास आया। दरअसल में वो गुफा एक हिरण…
Kahani: एक बार एक राजा ने अपने दरबारी मंत्रियों से पूछा, प्रजा के सारे काम मैं करता हूँ, उनको अन्न मैं देता हूँ, रोजगार मैं देता हूँ। उनकी बेटियों के…