Pauranik Katha: धृतराष्ट्र, पाण्डु और विदुर का कैसे हुआ जन्म, जानें क्या है कथा

Pauranik Katha: हस्तिनापुर नरेश शान्तनु और रानी सत्यवती के चित्रांगद और विचित्रवीर्य नामक दो पुत्र हुए। शान्तनु का स्वर्गवास चित्रांगद और विचित्रवीर्य के बाल्यकाल में ही हो गया था, इसलिये…

Pauranik Katha: सूर्य देव कैसे बने श्रीहनुमान जी के गुरु

Pauranik Katha: हनुमान जी जिनसे सभी बल, बुद्धि, विद्या देने की कामना करते हैं। हनुमानजी की शिक्षा के लिए उनकी माता कितनी चिंतित थी ये तो उनका इतिहास पढ़ने से…

Pauranik Katha: सर्वप्रथम किसने, किसको और क्यों बांधी राखी?

Pauranik Katha: पौराणिक शास्त्रों में ऐसा वर्णन है जो 100 अश्वमेध यज्ञ पूर्ण कर लेता है, उसे इंद्र का पद मिल जाता है। दानवीर दैत्यराज बलि के विषय में जानिये…

Kahani: भक्त गोविन्द दास

Kahani: बरसाना में गोविन्द दास नाम का एक भक्त रहता था। उसकी एक पुत्री थी, जिसका नाम था मुनिया। गोविन्द दास के परिवार में मुनिया के अलावा कोई नहीं था।…

Kahani: सबसे श्रेष्ठ धर्म

Kahani: एक राजा ने घोषणा की कि जो धर्म श्रेष्ठ होगा, मैं उसे ही स्वीकार करूँगा और आगे बढ़ाने में मदद दूँगा। अब तो उसके पास अपने धर्म की श्रेष्ठता…

Kahani: भक्तों के लिए भोले और दुष्टों के लिए महाकाल है शिव

Kahani: संसार में भगवान की भक्ति सुख और शान्ति प्राप्त करने का अमोघ साधन है। इससे उत्तम साधन और कोई नहीं है, क्योंकि भक्त को ईश्वर का आश्रय रहता है…

Kahani: हनुमानजी और कुम्भकर्ण युद्ध

Kahani: लंका में युद्ध अपने अंतिम पड़ाव पर था। श्रीराम की सेना आगे बढ़ती ही जा रही थी और रावण के अनेकानेक महारथी रण में वीरगति को प्राप्त हो चुके…

Kahani: क्या हम पूर्ण सुखी हैं?

Kahani: पुराने समय में एक राजा था। राजा के पास सभी सुख-सुविधाएं और असंख्य सेवक-सेविकाएं हर समय उनकी सेवा उपलब्ध रहते थे। उन्हें किसी चीज की कमी नहीं थी। फिर…