Shri Krishna Janmashtami: इतिहास के महानायक हैं श्रीकृष्ण

Shri Krishna Janmashtami: इतिहास भूत होता है। इसमें जोड़, घटाव उचित नहीं होता। हम चाहकर भी भूतकाल नहीं बदल सकते। लेकिन भूत इतिहास बनता है। अनुभूत समाज की भावशक्ति पाता…

Pauranik Katha: देवताओं और दैत्यों के पिता थे कश्यप ऋषि, 13 पत्नियां से उत्पन्न हुईं संताने

Pauranik Katha: अक्सर हम कश्यप ऋषि और उनके गोत्र की बातें सुनते हैं। पुराणों में कश्यप ऋषि के बारे में बहुत कुछ लिखा हुआ है। आओ जानते हैं कि आखिर…

Pauranik Katha: सर्वनिन्दक महाराज

Pauranik Katha: एक थे सर्वनिन्दक महाराज। काम-धाम कुछ आता नहीं था पर निंदा गजब की करते थे। सदैव औरों के काम में टाँग फँसाते थे। अगर कोई व्यक्ति मेहनत करके…

Pauranik Katha: माया और योगमाया में जाने क्या है अंतर

Pauranik Katha: सबसे पहले यह समझ लीजिए कि माया और योगमाया यह दोनों भगवान की शक्ति है। जैसा की हम जानते हैं कि शक्ति और शक्तिमान से पृथक नहीं हो…

कौन था पहला कावड़िया, जानें किसने किया था सबसे पहले शिव लिंग का जल अभिषेक?

Pauranik Katha: श्रावण का महीना आते ही हर कोई शिव की भक्ति में झूमने लगता है। इस पावन त्योहार में पूरे उत्तर भारत और अन्य राज्यों से कावड़िये शिव के…

Pauranik Katha: जानें क्यों आये भगवान शिव महाकाली के पैरों के नीचे

Pauranik Katha: भगवती दुर्गा की दस महाविद्याओं में से एक हैं महाकाली। जिनके काले और डरावने रूप की उत्पति राक्षसों का नाश करने के लिए हुई थी। यह एक मात्र…

Devshayani Ekadashi: लोक मंगल की तिथि देवशयनी एकादशी अर्थात पद्मनाभा

Devshayani Ekadashi: आज देव शयनी एकादशी (Devshayani Ekadashi) है। यह लोकमंगल की तिथि है। सनातन हिंदू आर्य वैदिक परंपरा में एकादशी का व्रत महत्वपूर्ण स्थान रखता है। प्रत्येक वर्ष चौबीस…

Pauranik Katha: जानें गणेश जी का असली मस्तक कटने के बाद कहां गया था

Pauranik Katha: भगवान श्री गणेश गजमुख, गजानन के नाम से जाने जाते हैं, क्योंकि उनका मुख गज यानी हाथी का है। भगवान गणेश का यह स्वरूप विलक्षण और बड़ा ही…

Pauranik Katha: नामदेव की श्रद्धा और भक्ति की कथा

Pauranik Katha: संत नामदेव बचपन में अपने ननिहाल में रहते थे, इनके नाना का नाम बामदेव था, जो ठाकुर जी के परम वैष्णो भक्त संत थे। बचपन में नामदेव काठ…

Astrology: मंदिर से लौटने के पहले वहां कुछ देर जरूर बैठना चाहिए?

Astrology: माना जाता है कि मंदिरों में ईश्वर साक्षात् रूप में विराजित होते हैं। किसी भी मंदिर में भगवान के होने की अनुभूति प्राप्त की जा सकती है। भगवान की…

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