Pauranik Katha: नटराज के पैरों के नीचे दबा रहने वाला राक्षस अपस्मार

Pauranik Katha: हम सभी ने भगवान शिव के नटराज रूप को कई बार देखा है। किन्तु क्या आपने ध्यान दिया है कि नटराज की प्रतिमा के पैरों के नीचे एक…

कथा सुनने से जीवन में आती है सुख-शांति: प्यारे मोहन महाराज

लखनऊ: भक्ति कथाओं में जीवन का सार निहित है। जीवन में बाधाएं तो आती रहती हैं। कुछ लोग इन बाधाओं से पार पाने के लिए धैर्य खो देते हैं, जबकि…

Chaitra Navratri 2025: कब शुरू हो रहा चैत्र नवरात्रि, जानें शुभ मुहूर्त

Chaitra Navratri 2025: हिंदू पंचांग के अनुसार चैत्र नवरात्रि हर वर्ष मार्च या अप्रैल के महीने में आती है। यह नवरात्रि विशेष रूप से भारतीय उपमहाद्वीप में मनाई जाती है,…

शिवरात्रि से शिव पार्वती विवाह का कोई संबंध नहीं

मार्गशीर्ष मास के आर्द्रा नक्षत्र के समय भगवान शिव के ज्योतिर्मय स्तंभ लिंग स्वरूप उमापति के प्राकट्य की कथा श्री शिवमहापुराण के विश्वेश्वर संहिता में विस्तार से मिलती है। यह…

Mahashivratri 2025: भगवान शिव की कैसे करें आराधना, जानें क्या है कथा

Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसे भगवान शिव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिव भक्त रातभर…

Kahani: ईश्वर की सच्ची भक्ति

Kahani: एक पुजारी थे, ईश्वर की भक्ति में लीन रहते थे। सबसे मीठा बोलते और सबका खूब सम्मान करते। लोग भी उन्हें अत्यंत श्रद्धा एवं सम्मान भाव से देखते थे।…

Mahakumbh 2025: अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महा कुंभ में अंतर

Mahakumbh 2025: अर्ध कुंभ, पूर्ण कुंभ और महा कुंभ भारत में आयोजित होने वाले प्रमुख धार्मिक मेलों के प्रकार हैं, जिनमें समय और आयोजन स्थल के आधार पर भेद होता…

Gyan Ki Baat: गणेश जी के आध्यात्मिक रहस्य

Gyan Ki Baat: भारत देश की सभ्यता संस्कृति का त्योहार एक अभिन्न अंग है। त्योहार हमारे जीवन में विभिन्न प्रकार की खुशियां, उमंग उत्साह लेकर आते हैं। इन्हीं त्योहारों में…

Pauranik Katha: हनुमान चालीसा की रचना कब और किन परिस्थितियों में हुई

Pauranik Katha: भगवान को अगर किसी युग में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है तो वह युग है कलियुग। इस कथन को सत्य करता एक दोहा रामचरितमानस में तुलसीदास…

विश्वनाथ की नगरी काशी अविनाशी की महिमा

पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की। तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन…

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