
Mahashivratri 2025: महाशिवरात्रि हिंदू धर्म का एक महत्वपूर्ण और पवित्र पर्व है, जिसे भगवान शिव की उपासना का दिन माना जाता है। इस दिन विशेष रूप से शिव भक्त रातभर जागरण करते हैं, व्रत रखते हैं, और भगवान शिव की पूजा-अर्चना करते हैं। महाशिवरात्रि का पर्व हर साल फाल्गुन माह की कृष्ण पक्ष की चतुर्दशी तिथि को मनाया जाता है।
महाशिवरात्रि की कथा
महाशिवरात्रि की कथा के अनुसार, एक बार देवता और राक्षसों के बीच एक भयंकर युद्ध हुआ। देवता भगवान शिव की कृपा से युद्ध जीतने की आशा रखते थे। इस युद्ध के दौरान, भगवान शिव की उपासना के माध्यम से राक्षसों को हराने की योजना बनाई गई।
किंतु सबसे प्रसिद्ध कथा महाशिवरात्रि से जुड़ी है, जो शिव और पार्वती के विवाह से संबंधित है। कहा जाता है कि एक समय भगवान शिव और माता पार्वती के विवाह के बारे में असमंजस था। पार्वती जी ने भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए कठोर तपस्या की थी। भगवान शिव ने उनकी तपस्या से प्रसन्न होकर उन्हें दर्शन दिए और फिर विवाह का संकल्प लिया।
महाशिवरात्रि के दिन भगवान शिव ने अपने सभी भक्तों को यह आशीर्वाद दिया कि जो भी व्यक्ति इस दिन व्रत और पूजा करेगा, वह शिव के आशीर्वाद से सभी दुखों और कष्टों से मुक्त हो जाएगा। यह भी कहा जाता है कि इस दिन भगवान शिव की पूजा से सभी प्रकार के पाप समाप्त हो जाते हैं और व्यक्ति के जीवन में सुख-शांति और समृद्धि आती है।
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महाशिवरात्रि की पूजा विधि
महाशिवरात्रि के दिन विशेष रूप से शिवलिंग की पूजा की जाती है। इस दिन व्रति शिवलिंग पर जल, दूध, शहद, चंदन, और बेल पत्र अर्पित करते हैं। साथ ही, रात्रि भर जागरण और भजन-कीर्तन का आयोजन किया जाता है। कई लोग इस दिन उपवासी रहते हैं और रातभर शिव की पूजा में संलग्न रहते हैं।
महाशिवरात्रि की पूजा से भगवान शिव की कृपा प्राप्त होती है और जीवन में समृद्धि, स्वास्थ्य और मानसिक शांति आती है। इस दिन को विशेष रूप से अज्ञान और अंधकार से प्रकाश की ओर जाने का प्रतीक भी माना जाता है, क्योंकि महाशिवरात्रि के समय ही शिव ने संसार को अपने प्रकाश से आलोकित किया था।
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