रामनामी समाज के लोगों के रोम-रोम में बसे प्रभु श्री राम

जांजगीर: आंख, नाक, कान, मुंह, हाथ-पैर हर जगह सिर्फ राम-राम का नाम, ये रामनामी समाज के लोग हैं। इनके लिए राम किसी मंदिर में नहीं, किसी मूर्ति में नहीं, बल्कि…

शंकराचार्य तो दूर ब्राह्मण भी नहीं अविमुक्तेश्वरानंद: ज्योतिषपीठाधीश

संजय तिवारी PranPratishtha: भगवान श्री आद्य शंकराचार्य द्वारा निर्देशित श्रीमठामनाय के अनुरूप स्थापित उत्तरामनाय ज्योतिष पीठ के शंकराचार्य जगद्गुरु स्वामी वासुदेवानंद सरस्वती ने उद्घोषित किया है कि वह श्री राम…

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