Poem: इस होली के संग

होली आई प्रेम के। लिए अनेक रंग।। करना है क्या जानिए। इस होली के संग।। भेदभाव सब छोड़िए। मलिए रंग गुलाल।। सत्य सनातन के लिए। आया पुनः सुकाल।। ऊंच नीच…

नव वर्ष 2022 मंगलमय हो

नये वर्ष की बेला आयी। उर में नई चेतना लायी। कैसा लगता सुखद प्रभात। खुशियों की होती बरसात। वर्मा हुआ तिमिर का नाश। सबके अधरों पर उल्लास। नया वर्ष हर…

ईश्वर से प्रार्थना

ईसा सतगुरु खुदा बुद्ध अब, सुन लो हे भगवान। मांग रहा हूं दे दो सबको, पहले सी मुस्कान।। रोये-रोये सभी यहां हैं, नहीं कहीं उल्लास। सांसे होती बंद देख कर,…

कभी नहीं वो हारी है…

जिंदगी के हर मुकाम में है वो जीती। कभी नहीं वो हारी है।। कभी दुर्गा, लक्ष्मी कभी वो मां काली। अनेक रूप है उसके वो एक नारी है।। कभी लक्ष्मी…

Other Story