Poem: हुआ क्या?
खुली आँख थी या कि तुम सो रहे थे, कहीं उड़ गया था तुम्हारा सुआ क्या? घटना घटी देखकर पूछते हो! हुआ क्या? हुआ क्या? हुआ क्या? हुआ क्या? निजी…
खुली आँख थी या कि तुम सो रहे थे, कहीं उड़ गया था तुम्हारा सुआ क्या? घटना घटी देखकर पूछते हो! हुआ क्या? हुआ क्या? हुआ क्या? हुआ क्या? निजी…
Kahani: राजा कृष्णदेव राय का दरबार सजा था। सदा की भाँति तेनालीराम भी अपने आसन पर विराजमान थे। महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में योग्य व्यक्तियों का अभाव न था।…
Kahani: एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से…
Kahani: एक बार की बात है शेर को भूख लगी तो उसने लोमड़ी से कहा- मेरे लिए कोई शिकार ढूंढकर लाओ वरना मैं तुम्हें ही खा जाऊँगा। लोमड़ी एक गधे…
Kahani: एक डलिया में संतरे बेचती बूढ़ी औरत से एक युवा अक्सर संतरे खरीदता। वह खरीदे संतरों से एक संतरा निकाल उसकी एक फाँक चखता और कहता- ये कम मीठा…
सुकून गाँव में है, पेड़ों के छाँव में है। शहर के लोग तो, टेंशन, तनाव में हैं। स्वतंत्र हैं लोग यहाँ, न किसी प्रभाव में हैं। द्वेष में कुछ न…
Prerak Prasang: एक बार भगवान श्रीकृष्ण और अर्जुन भ्रमण के लिए कहीं निकले थे। उन्होंने मार्ग में एक निर्धन ब्राह्मण को भिक्षा मांगते देखा तो अर्जुन को उस पर दया…
Kahani: एक बड़ा सुन्दर शहर था, उसका राजा बड़ा उदार और धर्मात्मा था। प्रजा को प्राणों के समान प्यार करता और उनकी भलाई के लिए बड़ी-बड़ी सुन्दर राज व्यवस्थाएं करता।…
Prerak Prasang: दक्षिण भारत में एक महान सन्त हुए तिरुवल्लुवर। वे अपने प्रवचनों से लोगों की समस्याओं का समाधान करते थे। इसलिए उन्हें सुनने के लिए दूर-दूर से लोग उनके…
दादी के इंतक़ाल के बाद जब, रो रही थीं घर की औरतें, और नहीं रोक पाया था मैं भी ख़ुद को, ग़मगीन दादा तब भी यही बोले थे, मर्द बच्चे…