Pauranik Katha: शनिदेव लंगड़े क्यों हैं, जानें उन पर क्यों चढ़ाया जाता है तेल

Pauranik Katha: शनिदेव दक्ष प्रजापति की पुत्री संज्ञा देवी और सूर्यदेव के पुत्र हैं। यह नवग्रहों में सबसे अधिक भयभीत करने वाला ग्रह है। इसका प्रभाव एक राशि पर ढाई…

Pauranik Katha: भगवान विष्णु की वजह से लक्ष्मी से जलती थीं उनकी बहन ज्येष्ठा

Pauranik Katha: समुद्र मंथन के दौरान लक्ष्मीजी से पहले उनकी बड़ी बहन ज्येष्ठा जिनका नाम दरिद्रा भी है, वह प्रकट हुई थीं। ज्येष्ठा विष्णु भगवान से विवाह करना चाहती थीं…

Pauranik Katha: हनुमान चालीसा की रचना कब और किन परिस्थितियों में हुई

Pauranik Katha: भगवान को अगर किसी युग में आसानी से प्राप्त किया जा सकता है तो वह युग है कलियुग। इस कथन को सत्य करता एक दोहा रामचरितमानस में तुलसीदास…

Pauranik Katha: सच्ची श्रद्धा ही तारती है

Pauranik Katha: एक बार नारद जी को किसी ब्राह्मण ने रोका व पूछा- क्या आप ईश्वर से भेंट करने जा रहे हैं? क्या आप उनसे पूछेंगे कि मुझे कब मुक्ति…

Pauranik Katha: त्रिजटा राक्षसी से साध्वी तक

Pauranik Katha: रामायण का यह एक ऐसा पात्र है जिसकी चर्चा बहुत कम होती है। त्रिजटा को सीताजी ने बड़े प्रेम से मां कहा था। यह सौभाग्य और किसी को…

Pauranik Katha: राजा इल जिन्हें स्त्री के साथ बनना पड़ा था किन्नर

Pauranik Katha: जब लक्ष्मण ने अश्वमेघ यज्ञ के विशेष आग्रह किया तो श्री रामचन्द्र अत्यन्त प्रसन्न हुये और बोले- हे सौम्य! इस विषय में मैं तुम्हें राजा इल की कथा…

विश्वनाथ की नगरी काशी अविनाशी की महिमा

पंचकोशी काशी का अविमुक्त क्षेत्र ज्योतिर्लिंग स्वरूप स्वयं भगवान विश्वनाथ हैं। ब्रह्माजी ने भगवान की आज्ञा से ब्रह्माण्ड की रचना की। तब दयालु शिव जी ने विचार किया कि कर्म-बंधन…

Pauranik Katha: राजा श्‍वेत की कथा

Pauranik Katha: इन्द्र से वर प्राप्त करके रघुनन्दन राम महर्षि अगस्त्य के आश्रम में पहुँचे। वे शम्बूक वध की कथा सुनकर बहुत प्रसन्न हुये और उन्होंने विश्‍वकर्मा द्वारा दिया हुआ…

Pauranik Katha: राजा मुचुकुन्द ने कालयवन को किया था भस्म

Pauranik Katha: त्रेता युग में महाराजा मान्धाता के तीन पुत्र हुए अमरीष, पुरू और मुचुकुन्द। युद्ध नीति में निपुण होने से देवासुर संग्राम में इंद्र ने महाराज मुचुकुन्द को अपना…

Pauranik Katha: सरयू की कैसे हुई उत्पत्ति

Pauranik Katha: सरयू की उत्पत्ति के संबंध में ऐसी कथा प्राप्त होती है कि एक बार राजा इक्ष्वाकु ने वशिष्ठ जी से यह इच्छा प्रकट की कि इतनी बड़ी अयोध्या…

Other Story