Kavita: मैं इस घर से प्रेम करता हूँ

मैं इस घर से प्रेम करता हूँ इस टूटे-फूटे और पुराने घर से जिसकी मिट्टी सुदूर मैदानों से खोदकर लाई गई थी बैलगाड़ियों में कभी पिता के ज़माने में प्रेम…

Poem: सबसे भारी क्या है?

सबसे भारी क्या है? पर्वत पहाड़ या दर्द से भारी मन, नहीं! सबसे भारी है माथे का वो घूंघट जिसमें संस्करों के नाम पर पिघल जाती हैं कितनी ही कलाएँ,…

Poem: काली औरतें छुपा ले गयी

काली औरतें छुपा ले गयी संसार के सारे काले करतूत धोखा खाकर सोचती रही घण्टों बंद कमरों में अपने माशूक को अपने निबालों में खाती रही भर-भर कर कोयले के…

Other Story