Kahani: व्यर्थ की चिंता
Kahani: एक व्यक्ति बहुत दिनों से तनावग्रस्त चल रहा था, जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा क्रोध में रहने लगा था। वह सदैव इस बात से परेशान रहता था कि…
Kahani: एक व्यक्ति बहुत दिनों से तनावग्रस्त चल रहा था, जिसके कारण वह काफी चिड़चिड़ा तथा क्रोध में रहने लगा था। वह सदैव इस बात से परेशान रहता था कि…
Kahani: रात का समय था। चारों ओर पूरा अंधेरा छाया हुआ था। केवल एक ही कमरा प्रकाशित था। वहाँ चार मोमबत्तियाँ जल रही थी। चारों मोमबत्तियाँ एकांत देख आपस में…
Kahani: एक डाकू था जो साधु के भेष में रहता था। वह लूट का धन गरीबों में बाँटता था। एक दिन कुछ व्यापारियों का जुलूस उस डाकू के ठिकाने से…
Kahan: कुंभ स्नान चल रहा था। राम घाट पर भारी भीड़ लगी थी। शिव पार्वती आकाश से गुजरे। पार्वती जी ने इतनी भीड़ का कारण पूछा आशुतोष ने कहा, कुम्भ…
Kahani: एक डलिया में संतरे बेचती बूढ़ी औरत से एक युवा अक्सर संतरे खरीदता। वह खरीदे संतरों से एक संतरा निकाल उसकी एक फाँक चखता और कहता- ये कम मीठा…
Prerak Prasang: एक समय लक्ष्मी जी विष्णुजी को भोजन करा रही थी, विष्णुजी ने पहला ग्रास मुंह में लेने से पहले ही हाथ रोक लिया, और उठ कर चले गए।…
Kahani: एक बेटी ने एक संत से आग्रह किया कि वो हमारे घर आकर उसके बीमार पिता से मिलें, प्रार्थना करें। बेटी ने यह भी बताया कि उसके बुजुर्ग पिता…
Kahani: यह एक मनोवैज्ञानिक सत्य है कि जैसा भाव हमारे मन में होता है वैसा ही भाव सामने वाले के मन में आता है। इस सबंध में एक ऐतिहासिक घटना…
Kahani: एक प्यासा आदमी एक कुएं के पास गया, जहां एक जवान औरत पानी भर रही थी। उस आदमी ने औरत से थोड़ा पानी पिलाने के लिए कहा, खुशी से…
Pauranik Katha: गुणगान से तो भगवान प्रसन्न होते ही हैं, लेकिन भगवान अपने भक्त के गुणगान से और ज़्यादा प्रसन्न होते हैं। बहुत पुरानी बात है। किसी शहर में नंदी…