Poem: वर्षा जल खुद राह बनाए
वर्षा जल खुद राह बनाए, जाने को तालाब में। बाधा कोई आ न जाए, इस मिलन की राह में। इतनी चिंता हमको करनी, अबकी वर्षाकाल में। भर जाएं जब ताल…
वर्षा जल खुद राह बनाए, जाने को तालाब में। बाधा कोई आ न जाए, इस मिलन की राह में। इतनी चिंता हमको करनी, अबकी वर्षाकाल में। भर जाएं जब ताल…
नारी कोमल हृदय की तिल तिल कठोर वेदना। घर गृहस्थी को हर अमावस पूर्णमासी तौलना। कुछ जोड़ने कुछ पकड़ने चाह। सफल गृहस्थी के सुखी उपाय। अनूप ओझा ये पंक्तियां कवियत्री…