Prerak Prasang: संगति, परिवेश और भाव

Prerak Prasang: एक राजा अपनी प्रजा का भरपूर ख्याल रखता था। उसके राज्य में अचानक से चोरी की शिकायतें बहुत आने लगीं। कोशिश करने से भी चोर पकड़ा नहीं गया।…

Kahani: हो गई गलती

Kahani: राजा कृष्णदेव राय का दरबार सजा था। सदा की भाँति तेनालीराम भी अपने आसन पर विराजमान थे। महाराज कृष्णदेव राय के दरबार में योग्य व्यक्तियों का अभाव न था।…

Kahani: श्रम अथवा अर्थ दान का मतलब

Kahani: किसी नगर में एक वैद्य रहते थे। उनका व्यवहार बेहद कुशल और विनम्र था, इसीलिए वे उस पूरे इलाके में बहुत इज्जत भी पाता था। वे अपने चिकित्सा आश्रम…

Kahani: एक औरत को आखिर क्या चाहिए

Kahani: राजा हर्षवर्धन युद्ध में हार गए। हथकड़ियों में जीते हुए पड़ोसी राजा के सम्मुख पेश किए गए। पड़ोसी देश का राजा अपनी जीत से प्रसन्न था और उसने हर्षवर्धन…

Kahani: मूर्तिकार का अहंकार

Kahani: बहुत समय पहले की बात है, एक गाँव में एक मूर्तिकार (मूर्ति बनाने वाला) रहता था वह ऐसी मूर्तियाँ बनता था, जिन्हें देख कर हर किसी को मूर्तियों के…

Kahani: हंस और कौआ

Kahani: पुराने जमाने में एक शहर में दो ब्राह्मण पुत्र रहते थे, एक गरीब था तो दूसरा अमीर। दोनों पड़ोसी थे। गरीब ब्राह्मण की पत्नी उसे रोज़ ताने देती झगड़ती।…

Kahani: सम्बंध

Kahani: एक बेटी ने एक संत से आग्रह किया कि वो हमारे घर आकर उसके बीमार पिता से मिलें, प्रार्थना करें। बेटी ने यह भी बताया कि उसके बुजुर्ग पिता…

Kahani: दुनियां सिर्फ तमाशा देखना पसंद करती है

Kahani: एक बार की बात है एक घर में आग लग गई। घर में से सभी लोगों को निकाला गया। मोहल्ले के कुछ लोग आग बुझाने में लग गए तो…

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