प्रकाश सिंह
नोएडा: जब आप प्रभाव में होते हैं तो सब आपके खास होते हैं। सब आपके अपने होते हैं और तब आप मुश्किल में होते हैं तो यही लोग आपका साथ छोड़ देते हैं। यह रीति रही है, सबको अपनी लड़ाई खुद ही लड़नी पड़ती है। ऐसा ही कुछ इस समय गालीबाज नेता श्रीकांत त्यागी के मामले में दिख रहा है। पेड़ लगाने के विवाद में सोसाइटी की महिला को गाली देना भाजपा नेता त्यागी को इतना भारी पड़ गया है कि उसकी लग्जरी गाड़ियों को जब्त कर लिया गया। घर के अवैध निर्माण पर बुलडोजर चल गया। जीएसटी रेड की रेड जारी है और उस पर 25 हजार रुपए का इनाम भी घोषित हो गया। इस कार्रवाई को देखकर यह लगने लगा है कि गालीबाज नेता के मामले में कानून से ज्यादा राजनीति अपना काम कर रही है। क्योंकि विवाद अक्सर गाली गलौज से ही शुरू होता है और गाली देने के मामले में इस तरह की कार्रवाई पहली बार देखी जा रही है।
कल तक जो नेता (श्रीकांत त्यागी) सबका खास होता था वह आज बेगाना हो गया है। हर कोई उससे अपना पल्ला झाड़ रहा है। भाजपा जहां पहले ही अपना पल्ला झाड़ चुकी है वहीं अब उसका नाम दूसरे दलों के नेताओं के साथ जोड़ा जा रहा है। श्रीकांत त्यागी की अन्य दलों के नेताओं के साथ फोटो वायरल कर उनसे संबंध होने की बात साबित करने की होड़ लग गई है। एक चैनल के स्टिंग ऑपरेशन में श्रीकांत त्यागी को लेकर भाजपा के विधायक अतुल गर्ग ने कहा है कि स्वामी प्रसाद मौर्य ही पार्टी में उसे ‘दहेज’ में लाए थे। वहीं स्वामी प्रसाद मौर्य जो इस समय सपा में हैं उन्होंने त्यागी के साथ संबंधों से इनकार किया है। उनका दावा है कि वह त्यागी से अकेले नहीं मिले हैं। फिलहाल दोनों नेताओं की कई तस्वीरें वायरल हो रही हैं जिनमें दोनों अकेले में बातचीत करते दिख रहे हैं।
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चैनल के स्टिंग में भाजपा के विधायक अतुल गर्ग का दावा है कि त्यागी किसी पार्टी का नेता नहीं है, बल्कि वह सभी दलों के नेताओं के साथ तस्वीरें खिंचवाता है। वह यह भी कहते हैं कि इसकी जांच होनी चाहिए कि उसके साथ 18 बाउंसर कैसे चलते थे। उसे किस हैसियत से गनर मिले है और किसने दिलाए है? अतुल दावा कर रहे हैं कि श्रीकांत त्यागी सपा का आदमी है, यह बसपा का आदमी है। इसकी शुरुआत स्वामी प्रसाद मौर्य से हुई, वह मौर्य के साथ दहेज में आया था। त्यागी स्वामी प्रसाद मौर्य के घर का आदमी है। स्वामी प्रसाद मौर्य से पार्टी का तलाक होने के बाद वह दहेज रह गया और मौर्य चला गया। अतुल गर्ग आगे कहते हैं कि स्वामी चले गए तो इन्होंने भी तय किया जाने का, लेकिन फिर रणनीति बनाई की फरवरी तक इंतजार करते हैं। उन्होंने कहा कि बीजेपी श्रीकांत को अपना नहीं मानती।
उधर जब स्वामी प्रसाद मौर्य से चैनल ने अतुल गर्ग के आरोपों पर सफाई मांगी तो उन्होंने कहा कि वह पहले से ही भाजपा में था। वह चार पांच साल पहले कभी उससे मिले थे। उन्होंने कहा कि मंत्री के यहां मिलने बिना किसी भेदभाव के साथ सब आते जाते रहते हैं। स्वामी ने कहा, वह भाजपा किसान मोर्चे का पदाधिकारी रहा है। कई आपराधिक मामलों में वांछित है।
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