कानपुर: उत्तर प्रदेश सरकार में एमएसएमई मंत्री राकेश सचान सोमवार को अपने वकीलों के साथ एसीएमएम थर्ड कोर्ट में पेश हुए। 31 साल पुराने आर्म्स एक्ट के मामले में कोर्ट ने उन्हें एक साल की सजा सुनाई और 1500 रुपये का जुर्माना लगाया। हालांकि उन्हें सजा के साथ ही तुरन्त जमानत भी मिल गई। क्योकि राकेश सचान को एक साल की सजा हुई है इस लिए उनकी विधायकी नहीं जाएगी।

कोर्ट से फरार होने का लगा था आरोप

एमएसएमई मंत्री और भोगनीपुर से विधायक राकेश सचान शनिवार को भी कोर्ट में पेश हुए थे। जब अदालत ने उन्हें दोषी ठहराया तो वो कोर्ट से चले गए थे। इस मामले में एसीएमएम थर्ड कोर्ट की पेशकार कामिनी ने शनिवार को सिटी कोतवाली में राकेश सचान के खिलाफ तहरीर दी थी जिसमे राकेश सचान पर 1991 के एक मुकदमे में दोष सिद्ध होने के बाद पत्रावली लेकर फरार होने का आरोप लगाया गया था।

पुलिस इस मामले की जांच कर रही है लेकिन मुकदमा नही दर्ज हुआ है। वहीं कोर्ट से राहत न मिलते देख राकेश सचान सोमवार को अपने वकीलों के साथ कोर्ट पहुंचे जहां पर उन्हें एक साल की सजा सुनाई गई और 1500 रुपये का जुर्माना लगाया गया। सजा होने के कुछ देर बाद ही उन्हें जमानत भी मिल गई।

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1991 में दर्ज हुआ था केस

नौबस्ता थाने में 1991 में तत्कालीन एसओ ब्रजमोहन उदेनिया ने राकेश सचान के खिलाफ एफआईआर दर्ज कराई थी। उनके पास से रायफल बरामद हूई थी जिसका वो लाइसेंस नहीं दिखा पाए थे। इस मामले में शनिवार को फैसला सुनाया जाना था और राकेश सचान समर्थकों के साथ कोर्ट पहुंचे। इस मामले में राकेश सचान को दोषी पाया गया। आरोप है कि जब जज फैसला लिखने अपने चेंबर में गए तो राकेश सचान के वकील ने पत्रावली देखने के लिए ली और राकेश सचान पत्रावली लेकर कोर्ट से फरार हो गए।

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